
नई दिल्ली। बुधवार की रात केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) के एक अचानक वर्चुअल मीटिंग (Virtual meeting.) बुला ली। इसके बाद कृषि मंत्रालय के बड़े-बड़े अधिकारियों की नींद हराम हो गई। सूत्रों के अनुसार, बैठक का लिंक रात 10:30 बजे साझा किया गया और अधिकारियों को इसकी सूचना महज कुछ मिनट पहले दी गई। बैठक 10:45 बजे शुरू हुई जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दिल्ली में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। इस कार्यक्रम में पीएम द्वारा “पल्सेस मिशन” और “प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना” की शुरुआत की जानी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के दौरान बुधवार को पूसा में आयोजित एक कार्यक्रम की व्यवस्थाओं पर असंतोष भी जताया। बताया जा रहा है कि उन्होंने अधिकारियों को आगामी पीएम कार्यक्रम की तैयारियों को बेहतर समन्वय और निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि देर रात हुई इस बैठक में मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी और कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे। इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश ने गेहूं और चावल में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, लेकिन दलहन और तिलहन अब भी चिंता का विषय हैं। मोदी द्वारा शुरू किए जाने वाले ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ का लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान के 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है।
उन्होंने कहा कि 11,440 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाली इस योजना का उद्देश्य किसानों को दलहन की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च उपज देने वाली और रोग-प्रतिरोधी बीज किस्में वितरित करना है। पिछले पांच साल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित नई किस्में, किसानों को वितरित की जाएंगी।
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