
नई दिल्ली । लद्दाख में हुई हिंसा के बाद से जेल में बंद क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की पत्नी गीतांजलि आंगमो (Geetanjali Angamo) ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को खत लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। गीतांजलि ने अपनी इस चिट्ठी की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को भी भेजी हैं। उन्होंने पत्र में सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए उन पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
इससे पहले बीते 24 सितंबर को लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन भड़काने के आरोप में वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। फिलहाल वह जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं। बीते दिनों लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग से शुरू हुआ आंदोलन प्रदर्शन उग्र हो गया था। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं करीब 2 दर्जन लोग घायल हुए थे।
पत्र में क्या?
सोनम वांगचुक की पत्नी ने कहा है कि 26 सितंबर को लेह इंस्पेक्टर रिग्जिन गुरमेत ने उन्हें सूचना दी कि वांगचुक को NSA की धारा 3(2) के तहत हिरासत में लिया गया है और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है। उन्होंने लेटर में लिखा, “मुझे आश्वासन दिया गया कि जोधपुर पहुंचने के बाद, वह मुझे फोन करेंगे और मेरे पति से बात कराएंगे। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि यह गिरफ्तारी नहीं है क्योंकि कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, बल्कि वे NSA के तहत हिरासत में हैं।” गीतांजलि आंगमो ने कहा कि हालांकि आज तक उनकी सोनम वांगचुक से कोई बात नहीं कराई गई है।
राष्ट्रपति से अपील
वांगचुक की पत्नी ने आगे कहा कि लद्दाख अपने राष्ट्रवाद और भारतीय सेना के प्रति वफादारी के लिए जाना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि वांगचुक इस क्षेत्र में भारतीय सेना के लिए आश्रय बना रहे हैं। आंगमो ने लिखा, “मेरे पति सोनम वांगचुक हमेशा भारत की एकजुटता, हमारी सीमाओं को मजबूत करने और एक मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था के पक्षधर रहे हैं।” उन्होंने सवाल उठाए कि क्या लद्दाख में लोगों के हितों के लिए लड़ाई लड़ना अपराध है। वांगचुक की पत्नी ने कहा, “महामहिम, आप एक आदिवासी पृष्ठभूमि से होने के नाते, लेह लद्दाख के लोगों की भावनाओं को किसी और से बेहतर समझेंगी।”
इस दौरान गीतांजलि आंगमो ने राष्ट्रपति मुर्मू से चार सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या उन्हें वांगचुक से फोन पर और व्यक्तिगत रूप से मिलने और बात करने का अधिकार है; क्या वह अपने पति की सहायता कर सकती हैं, उनकी गिरफ्तारी के कारणों और उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जान सकती हैं; क्या वह अपने पति की स्थिति जान सकती हैं; और क्या भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्हें शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और आवागमन की आजादी का हक है।
I have sent this representation for the immediate release of Shri Sonam Wangchuk to the President of India, Prime Minister of India, Home Minister, Law Minister of India, and the LG of Ladakh, with a cc to DC Leh. pic.twitter.com/6Y0xa46sNK
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 1, 2025
सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग
आंगमो ने सरकार और एजेंसियों द्वारा किए गए व्यवहार की भी निंदा की। उन्होंने लिखा, “यह भारत के संविधान की भावना का उल्लंघन है। अनुच्छेद 21 और 22 हर नागरिक को कानूनी प्रतिनिधित्व का मौलिक अधिकार प्रदान करते हैं। हैरानी की बात है कि हमें इस न्यूनतम अधिकार से भी पूरी तरह वंचित कर दिया गया है।” वांगचुक की पत्नी ने आगे कहा, “महामहिम, हम अपील करते हैं कि राष्ट्राध्यक्ष के रूप में आप हस्तक्षेप करें और इस अराजक स्थिति में विवेक की आवाज उठाएं। भारत के राष्ट्रपति के रूप में, आप समता, न्याय और विवेक के सिद्धांतों के प्रतीक हैं।” उन्होंने सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए कहा कि वे अपने राष्ट्र के लिए कभी खतरा नहीं बन सकते।
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