
भोपाल। ईओडब्लू को आखिरकार खासगी ट्रस्ट से जुड़े कुछ दस्तावेज मिल गए हैं। अब इसके आधार पर जांच की जाएगी। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने ईओडब्लू के कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाए हैं। हालांकि ट्रस्ट की देशभर में फैली संपत्तियों के हिसाब से ये दस्तावेज काफी कम हैं। आज से अधिकारियों की टीम इसकी जांच में जुट जाएगी। ईओडब्लू की टीम जिला प्रशासन, कमिश्नर कार्यालय और मामले से जुड़े वकीलों के यहां से उपलब्ध दस्तावेज का भी अध्ययन कर रही है। महाराष्ट्र में पूना जिले के जेजुरी में होलकरों और खासगी ट्रस्ट की करीब 700 एकड़ जमीन वहां के अलग-अलग लोगों को खेती के लिए ठेके पर दी गई थी, लेकिन वह जमीन भी हाथ से निकल चुकी है। ट्रस्ट के पुराने प्रबंधकों की मिलीभगत से यह जमीन उन्हीं लोगों को बेच दी गई जो इस पर काबिज थे। यह पूरा खेल बीते 40-50 साल में हुआ और जमीन का रिकॉर्ड ही गायब कर दिया गया है। जेजुरी में होलकरों के कुलदेवता का मंदिर और होलकरवाड़ा है। इसी से कुछ दूरी पर होलगांव है जो होलकर राजवंश के राजा मल्हारराव होलकर की जन्मस्थली है। उधर महाराष्ट्र के ही अंबड़ कस्बे में खासगी ट्रस्ट की करीब 50 एकड़ जमीन मात्र पांच लाख रुपये में बेच दी गई। यह जमीन 1972 में बिकने की जानकारी मिली है। बताया जाता है कि इस जमीन के दस्तावेज तुकोजीराव द्वितीय के नाम पर थे। होलकर राजवंश के मौजूदा ट्रस्टियों के इशारे पर ही वहां के पुराने प्रबंधक ने यह कारनामा किया है। अंबड़ में होलकरों का सबसे बड़ा परगना था, जिससे उन्हें अच्छी-खासी आय होती थी।
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