img-fluid

पेगासस जासूसी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जांच पैनल की रिपोर्ट पर कर सकता है विचार

May 20, 2022

नई दिल्‍ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) इस साल जनवरी में पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus Software) का उपयोग कर अनधिकृत निगरानी से संबंधित मामले में अदालत द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति (three member committee) द्वारा प्रस्तुत अंतरिम जांच रिपोर्ट पर विचार कर सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रस्तुत अंतरिम रिपोर्ट पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट अंतरिम है क्योंकि मामले के कुछ पहलुओं का विश्लेषण किया जाना बाकी है। समिति अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने या मामले में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांग सकती है।

पेगासस विवाद
पेगासस विवाद की जांच से पता चला है कि इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, राजनीतिक रणनीतिकारों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक नेताओं, अनुसूचित जाति के न्यायाधीशों, धार्मिक नेताओं और केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रमुखों पर किया गया था। 17 मीडिया संगठनों द्वारा इस कथित खुलासे के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ था। विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार पर हर तरफ से हमला किया। इसके बाद पेगासस विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने पिछले साल कई याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

कोर्ट ने क्या कहा
इस एक मामले में 12 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा था, “याचिकाकर्ताओं ने कुछ ऐसी सामग्री को रिकॉर्ड में रखा है जो इस अदालत द्वारा विचार करने योग्य है। भारत सरकार द्वारा याचिकाकर्ताओं द्वारा बताए गए किसी भी तथ्य का कोई विशेष खंडन नहीं किया गया है। सरकार द्वारा दायर ‘सीमित हलफनामे’ में केवल इस बात से इनकार किया गया है, जो पर्याप्त नहीं हो सकता है। ऐसी परिस्थितियों में हमारे पास याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए बनाए गए प्रथम दृष्टया मामले को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”


केंद्र ने क्या कहा
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एक संक्षिप्त हलफनामा दायर कर अपने ऊपर लगे आरोपों को स्पष्ट रूप से नकारते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। सरकार ने कहा कि वह सार्वजनिक हलफनामे में ब्योरा नहीं देना चाहती और इसे सार्वजनिक बहस का विषय नहीं बनाना चाहती है। सरकार ने कहा कि वह विशेषज्ञों की एक समिति को ब्योरा देगी जो इस मुद्दे की जांच करेगी। इसने अदालत से एक समिति गठित करने की अनुमति देने का आग्रह किया।

इसके बाद पीठ ने अपने आदेश में कहा, “जब किसी व्यक्ति पर सरकार या किसी बाहरी एजेंसी द्वारा निगरानी या जासूसी की जाती है तो निजता के अधिकार का सीधे तौर पर उल्लंघन होता है।” देश की सुरक्षा जरूरतों के साथ गोपनीयता की चिंताओं को संतुलित करने की आवश्यकता पर पीठ ने कहा, “लोगों के जीवन और उसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करना देश के हित का संज्ञान है। इसे संतुलित करना चाहिए। उदाहरण के लिए, आज की दुनिया में खुफिया एजेंसियों द्वारा निगरानी के माध्यम से एकत्रित की गई जानकारी हिंसा और आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए आवश्यक है।”

पीठ ने कहा, “इस जानकारी तक पहुंचने के लिए किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता उत्पन्न हो सकती है। इसे केवल तभी किया जाता है जब यह राष्ट्रीय सुरक्षा / हितों की रक्षा के लिए बिल्कुल आवश्यक हो। एक लोकतांत्रिक देश में संविधान के तहत कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन करके, पर्याप्त वैधानिक सुरक्षा उपायों के अलावा व्यक्तियों पर अंधाधुंध जासूसी की अनुमति नहीं दी जा सकती है।”

एससी पूछताछ पैनल
अक्टूबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने समिति से 8 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा। अदालत ने कहा कि एजेंसियों द्वारा एकत्र की गई जानकारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण है और यह निजता के अधिकार में तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हो।

Share:

  • अमेरिका में भारतीय छात्र से मारपीट, उल्‍टा पीड़ित छात्र स्‍कूल से सस्पेंड

    Fri May 20 , 2022
    टेक्सास । अमेरिका (America) के टेक्सास (Texas) में भारतीय-अमेरिकी छात्र के साथ मारपीट (Indian American Student Bullied) का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक श्वेत छात्र भारतीय अमेरिकी छात्र की पिटाई करता दिख रहा है। वह उसका गला 4 मिनट तक दबाए रखता है, हालांकि यह वीडियो 11 मई का […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved