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निमिषा प्रिया की फांसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा अपडेट, AG के जवाब से बढ़ी उम्मीदें

October 17, 2025

नई दिल्‍ली । उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) को गुरुवार को सूचित किया गया कि यमन में हत्या (Murder in Yemen)के जुर्म में मृत्युदंड(death penalty for crime) पाने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया(Indian Nurse Nimisha Priya) की फांसी पर रोक लगा दी गई है और कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं हो रही है। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया कि इस मामले में एक नया मध्यस्थ सामने आया है।


पीठ ने पूछा, ‘फांसी का क्या हुआ?’ याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि फिलहाल फांसी पर रोक लगा दी गई है। यह संगठन प्रिया को कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है। वेंकटरमणी ने कहा, ‘एक नया मध्यस्थ सामने आया है। एकमात्र अच्छी बात यह है कि कुछ भी प्रतिकूल नहीं हो रहा है।’

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई स्थगित की जा सकती है। पीठ ने कहा, ‘इसे जनवरी 2026 में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें। यदि परिस्थिति की मांग हो, तो पक्षकारों के लिए शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन करने का विकल्प खुला रहेगा।’

सुप्रीम कोर्ट 38 वर्षीय नर्स को बचाने के वास्ते राजनयिक माध्यमों का उपयोग करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। भारतीय नर्स को 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है। याचिकाकर्ता संगठन के वकील ने 14 अगस्त को शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि प्रिया को ‘तत्काल कोई खतरा नहीं है।’

इससे पहले, शीर्ष अदालत को बताया गया था कि प्रिया की 16 जुलाई को होने वाली फांसी पर रोक लगा दी गई है। 18 जुलाई को केंद्र ने अदालत को सूचित किया था कि प्रयास जारी हैं और सरकार प्रिया की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

याचिकाकर्ता के वकील ने पहले कहा था कि प्रिया की मां पीड़ित परिवार के साथ बातचीत करने के लिए यमन में थीं और वह वहां इसलिए गई हैं क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उन्हें यात्रा की अनुमति देने को कहा था।

प्रिया को 2017 में दोषी ठहराया गया, 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई। केरल के पलक्कड की रहने वाली प्रिया यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद है।

याचिकाकर्ता के वकील ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि शरिया कानून के तहत मृतक के परिवार को ‘ब्लड मनी’ देने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि अगर ‘ब्लड मनी’ दे दिया जाए तो पीड़ित का परिवार प्रिया को माफ कर सकता है। भारत ने 17 जुलाई को कहा था कि वह इस मामले में ‘पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान’ तक पहुंचने के प्रयासों के तहत यमन के अधिकारियों के साथ-साथ कुछ मित्र देशों के संपर्क में है।

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