ब्‍लॉगर

वैश्वीकरण और 21वीं सदी का भारत

– धैर्य नारायण झा पुरातनकाल से भारत का समस्त विश्व के लिए कुटुंब भाव के सामने वैश्वीकरण कोई भिन्न विषय नहीं है। तथापि भारत में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा सर्वदा आदरणीय रही है। वैश्वीकरण के तमाम फायदों के बावजूद इसके अपनाने को लेकर प्रश्नचिह्न लगते आए हैं। अंतर यह कि वसुधैव कुटुंब में परिवार व […]