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उज्जैन में 200 एकड़ में बनेगी टर्मिनल कृषि मंडी

February 26, 2022

  • आगर रोड से हटाया जाएगा-इंदौर की तर्ज पर बनाएँगे-शहर के बीच में होने से ट्रालियाँ फँसती है और जाम लगता है

उज्जैन। आगर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में भारी अतिक्रमण है और रिहायशी क्षेत्र में होने के कारण ट्रेक्टर ट्रॉलियाँ लाने में समस्या आती है। आने वाले दिनों में कृषि उपज मंडी को शहर से 5 किमी दूर ले जाया जा रहा है और इसके लिए प्रशासन ने जमीन भी देखी है। संभाग की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी चिमनगंज मंडी रिहायशी क्षेत्र में होने के कारण अब समस्या का कारण बन गई है और सीजन में सैकड़ों ट्रॉलियाँ आने से यहाँ दिनभर जाम की स्थिति बनती है और यहां गैर कृषि कारोबार भी होने लगा है। इसके लिए टर्मिनल मंडी बनाए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है और प्रशासन ने जमीन देख रखी है। 200 एकड़ जमीन पर नई मंडी बनाई जाएगी। आजादी के बाद शहर से दूर स्थान पर 144 बीघा जमीन पर चिमनगंज मंडी बनाई गई थी, उस समय यह स्थान शहर से दूर था और समय के साथ-साथ शहर बढ़ता गया और अब चिमनगंज मंडी के आसपास सघन रहवासी इलाका बन गया है और इसके आसपास स्कूल और कॉलोनियां बन चुकी हैं।


ऐसे में चिमनगंज मंडी में कृषि उपज लाने के लिए मंडी के चारों गेट भी बाजार के बीच आ चुके हैं इससे किसानों को अपनी कृषि उपज लाने में परेशानी होती है वहीं सीजन में सैकड़ों ट्रेक्टर ट्रॉलियाँ मंडी में आने के कारण ये वाहन आगर रोड पर खड़े जाते हैं जिसके कारण दिनभर जाम लगता है और लोग परेशान होते हैं। जब आवक ज्यादा होती है तो मंडी में पैर रखने की जगह नहीं रहती है। मंडी सचिव उमेश बसेडिय़ा ने बताया वर्तमान कृषि उपज मंडी चिमनगंज मंडी को भी चालू रखा जाएगा वही अन्य स्थान पर भी टर्मिनल मंडी खोलने का प्रस्ताव है जिस प्रकार इंदौर में तीन मंडिया संचालित होती है उसी प्रकार उज्जैन में भी टर्मिनल मंडी बनाने की स्वीकृति मिल चुकी है और प्रशासन ने इसके लिए जमीन भी देख रखी है। नई टर्मिनल मंडी 200 से 300 एकड़ जमीन पर बनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में चिमनगंज कृषि उपज मंडी में कृषि के अलावा गैर कृषि कार्य भी होने लगे हैं और मंडी में किराना सहित अन्य प्रकार का व्यापार भी चल रहा है और यहाँ रहवासी इलाका भी बना लिया गया है। कुल मिलाकर पूरा मंडी परिसर अतिक्रमण की चपेट में आ गया है।

प्रदेश की डेढ़ सौ मंडियां घाटे में लेकिन उज्जैन मंडी फायदे में
कोरोना एवं अन्य कारणों के चलते प्रदेश की डेढ़ सौ मंडिया आय के मामले में घाटे में चल रही हैं लेकिन उज्जैन मंडी फायदे में है। मंडी सचिव ने बताया उज्जैन मंडी की फरवरी तक कुल आय 20 करोड़ रुपए है जो पिछले साल से करीब आठ करोड़ अधिक है। इस संबंध में जब मंडी सचिव से पूछा गया कि प्रदेश की मंडियों में उज्जैन की मंडी कैसे फायदे में है तो उन्होंने बताया कि हमने व्यापारियों से समन्वय और मंडी के उडऩ दस्ते को सक्रिय किया है तथा मंडी का टैक्स वसूलने में लापरवाही नहीं बरती इसी के चलते उज्जैन मंडी प्रदेश के अन्य मंडियों से फायदे में है वहीं अभी समर्थन मूल्य की खरीदी में भी 4 करोड़ रुपए की आय और होने की संभावना है।

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