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इसलिए ब्रिक्स में नहीं गए व्लादिमीर पुतिन? प्रिगोजिन की मौत के बाद कई देश भड़के

नई दिल्ली: वैगनर ग्रुप (Wagner Group) के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन (Yevgeny Prigogine) की मौत (Death) के बाद दुनिया में हलचल मची है. आरोप लग रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बगावत करने की वजह से प्रिगोजिन को मरवा दिया. जिस प्लेन क्रैश (plane crash) में प्रिगोजिन की मौत हुई, उसमें करीब 10 लोग मारे गए. इस घटना के बाद दुनियाभर के नेताओं ने रूस (Russia) पर हमला शुरू कर दिया है और कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना पर बयान दिया कि वह इस खबर से बिल्कुल भी चौंके नहीं हैं. बाइडेन ने घटना के तुरंत बाद कहा था कि अभी उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, रूस में ऐसा कुछ नहीं होता है जिसके पीछे पुतिन ना हो. अगर यह सच है (प्रिगोजिन का मरना) तो कोई चौंकाने वाली बात नहीं है.
रूस से युद्ध कर रहे यूक्रेन ने भी प्रिगोजिन की मौत पर बयान दिया. राष्ट्रपति जेलेंस्की के सहयोगी मायख्यालो पैडोलयक ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि बगावत के दो महीने बाद ही इस तरह प्रिगोजिन और उनके साथियों का मारा जाना ये बताता है कि विद्रोह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

ब्रिटिश सांसद एलिसिया कर्न्स ने ट्वीट किया कि जिस रफ्तार से रूसी सरकार ने प्लेन क्रैश में प्रिगोजिन के होने की पुष्टि की है, उससे हर किसी को यह समझ जाना चाहिए कि सच क्या है. साफ है कि पुतिन के खिलाफ जो बागी रुख अपनाता है, उसका यही अंजाम होता है.

ब्रिक्स में इसलिए नहीं गए पुतिन?
गौरतलब है कि रूस को लेकर पिछले एक हफ्ते में काफी घटनाएं हुई हैं, जो अचानक सुर्खियों में आई हैं. पहले रूस का लूना-25 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल हो गया, इसके बाद खुद व्लादिमीर पुतिन ने साउथ अफ्रीका में हो रही ब्रिक्स समिट में हिस्सा नहीं लिया और अब रूस के खिलाफ बागी सुर अपनाने वाले प्रिगोजिन को मार गिराया गया है. सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा भी है कि पुतिन ब्रिक्स में इसलिए नहीं गए, क्योंकि उन्होंने इस मिशन को अंजाम देना था.

हालांकि, जिस वक्त वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन की मौत की खबर आई उस वक्त व्लादिमीर पुतिन रूस के southwestern Kursk हिस्से में थे और एक इवेंट में हिस्सा ले रहे थे. हालांकि व्लादिमीर पुतिन के ब्रिक्स समिट में शामिल ना होने का एक कारण यह भी है कि अगर वह रूस की धरती छोड़ते तो इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की तरफ से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया जा सकता था, यह रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से है.
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