भोपाल। कोरोना (corona) की पहली लहर के दौरान अप्रैल 2020 में शाहपुरा निवासी नेत्रहीन बैंक कर्मचारी (blind bank employee) से दुष्कर्म के आरोपित को अदालत ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही साढ़े तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जज ने फैसले में कहा कि नेत्रहीन महिला के साथ आरोपित ने रेप (the accused raped) किया है, इसलिए उदारता का अपनाया जाना उचित नहीं है।
लोक अभियोजक आर.के. खत्री ने पुलिस की तरफ से कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ ऐसे तमाम साक्ष्य थे, जिससे उसे सजा पड़ी। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश यतेश सिसौदिया ने सुनाया है। इसमें आरोपित साहूलाल कौल उर्फ मनोज को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया है। साहूलाल कौल मूलत: उड़ीसा का रहने वाला है। घटना के समय वह भोपाल में गुनलाब नगर 12 नंबर बस स्टाप पर रहता था। उसे अदालत ने दुष्कर्म की धारा 376 एल के तहत 20 साल के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए का अर्थदंड तो घर में अपराध की नीयत से घुसने की धारा 450 में सात साल के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके अलावा नि:शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम की धारा 92 ख में अदालत ने तीन साल के सश्रम कारावास और 500 रुपए का अर्थदंड किया है।