
जबलपुर। राजस्थान के दोसा में एक मरीज की मौत के बाद पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ 302 लगाकर अपराध पंजीबद्ध कर लिया था। जिसके बाद डॉक्टर ने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की आग की तपिश अब जबलपुर तक पहुंच गयी हैै। जिसके चलते आज 10 से 12 बजे दोपहर तक मेडिकल पोस्टमार्टम विभाग ने काम बंद हड़ताल करते हुए काली पट्टी बांधकर, पुलिस के फैसले का विरोध किया है। वहीं, दो घंटे पीएम नहीं होने के चलते पुलिस और मरीज परेशान होते रहे। मेडिकल पीएम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विवेक श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि डॉक्टर इलाज के दौरान पूरी कोशिश करता है कि वह मरीज को बचा ले। लेकिन राजस्थान पुलिस ने अधिक खून बहने के कारण हुई मरीज की मौत के बाद डॉक्टर के खिलाफ 302 का अपराध कायम कर डाला। जो सरासर गलत है। इतना ही नहीं इसके बाद पीडि़त डॉक्टर ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।
गांवों में इसलिए नहीं जाते डॉक्टर
डॉक्टर विवेक ने बताया कि गांव में इंतजाम नहीं होते है, यदि मरीज की मौत हो गयी तो डॉक्टर पर मामला दर्ज होता है। जिसके बाद डॉक्टर वहां जाने से परहेज करते है। यदि शासन डॉक्टरों को समुचित सुरक्षा व्यवस्था दे तो डॉक्टर गांवों में जाकर इलाज करें। लेकिन यदि डॉक्टरों के साथ ऐसा होगा तो इसका विरोध जरुरी है। जिसके चलते यह दो घंटे की हड़ताल रखी गई है। जिसमें पुलिस का दो घंटे काम नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved