
इंदौर। शहर की बदहाली को लेकर सोशल से लेकर परम्परागत मीडिया में तो हल्ला मचता ही रहा है, अब हाईकोर्ट ने भी इस मामले में जिम्मेदारों को फटकार लगाना शुरू की है। कल भी यातायात से लेकर बीआरटीएस सहित अन्य मुद्दों पर चल रही याचिका की सुनवाई में लाउड स्पीकर के शोर-शराबे से लेकर अन्य मामलों में फटकार पड़ी और अस्पतालों के आसपास भी होने वाले शोर-शराबे पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। साइलेंट्स झोन, जो प्रशासन ने चिन्हित कर रखे हैं वहां भी जोर-शोर से लाउड स्पीकर बजते रहते हैं। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक आयोजनों के चलते शहरभर में यह शोर-शराबा देर रात तक जारी रहता है और धार्मिक अतिक्रमण भी शासन-प्रशासन नहीं हटा पाता।
कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर धार्मिक स्थलों पर लगाए गए लाउड स्पीकरों को पुलिस प्रशासन ने सख्ती से उतरवा दिया था और कुछ दिनों तक चली इस मुहिम के अच्छे परिणाम भी नजर आए। मगर उसके बाद फिर लाउड स्पीकर कस गए और शोर-शराबा पहले की तरह शुरू हो गया, जिसमें धार्मिक स्थल तो शामिल हैं हीं, वहीं आए दिन होने वाले सामाजिक, राजनीतिक से लेकर अन्य आयोजनों में भी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का कोई पालन नहीं किया जाता, जिसमें रात साढ़े 10 बजे के बाद शोर-शराबा प्रतिबंधित रहता है। मगर उसका भी कहीं कोई पालन नजर नहीं आता।
यहां तक कि साइलेंस झोन में भी लाउड स्पीकर बजते रहते हैं और हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी भी की। यह उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन पर प्रतिबंधित आदेश जारी होते हैं। जजों के बंगलों सहित अन्य जगह साइलेंस झोन रहते हैं, मगर देखने में यह आया है कि तमाम साइलेंस झोन कागजों पर ही हैं और यहां आए दिन शोर-शराबा मचा रहता है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने लाउड स्पीकर बजने की बात भी कही थी। यहां तक कि बिगड़ैल यातायात से लेकर अन्य मुद्दों पर राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से जो जनहित याचिका लगाई गई है उसमें पैरवी करने वाले वरिष्ठ अभिभाषक अजय बागडिय़ा ने भी जोरदार तरीके से शहर की बदहाली का मामला उठाया और बिगड़ैल यातायात को लेकर कल होने तो सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि अब शहरवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले भी यह कहने लगे हैं कि मुस्कुराइये आप इंदौर में हैं। दूसरी तरफ धार्मिक अतिक्रमण को लेकर भी कोर्ट ने टिप्पणी की कि कहीं पर भी धार्मिक स्थल बना दिया जाता है और फिर उसके आसपास भोजन-भंडारे, भीड़ इकट््ठी होती है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के निर्देश दिए और बीआरटीएस को हटाने को लेकर भी फटकार लगाई, एक कमेटी भी बनाई गई है।
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