
इंदौर। भिखारियों को भीख देने पर एक बार फिर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है, साथ ही अब भिखारी से दान के नाम पर सामान खरीदना भी अब प्रतिबंधित रहेगा। 25 दिसंबर तक के लिए यह आदेश लागू किया गया है। ठंड और त्योहारों के दिनों में इंदौर जिले में भिखारियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान में सख्ती का बिगुल बजा दिया है और पूर्व से लगी प्रतिबंधात्मक धारा 163 को 25 दिसंबर तक प्रभावशील कर दिया है। इस धारा के तहत न केवल भीख लेना, बल्कि भीख देना और भिखारियों से कोई भी सामान खरीदना भी अपराध घोषित कर दिया गया है। ज्ञात हो कि शहर में भीख मांगने के लिए बच्चे बैलून, पेन, पेंसिल, ईयरबड्स, कॉपी, खिलौने आदि बेचने का दिखावा कर इसकी आड़ में भीख मांग रहे हैं।
देर रात चौराहों पर टीमों की दबिश जारी
महिला एवं बाल विकास विभाग की विशेष टीमें सुबह से रात तक चौराहों, मंदिरों, फुटपाथों और भीड़-भाड़ वाले गलियारों पर निगरानी कर रही हैं। प्रतिदिन भिक्षावृत्ति में पकड़े गए व्यक्तियों को रेस्क्यू कर पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। देर रात भी चौराहों पर टीमों की दबिश जारी रही। पिछले 15 दिनों में लगभग 20 भिखारी को पकडक़र जहां उज्जैन स्थित आश्रम भेजा गया है, वहीं आदतन भिखारी अभी बाज नहीं आ रहे हैं। कनाडिय़ा क्षेत्र में तीन व्हीलचेयर पर और दो विकलांग सहित पांच बच्चे व तीन महिलाएं और लगभग पांच पुरुषों का गिरोह सक्रिय है, जो प्रशासन के हकालने के बावजूद भी अलग-अलग क्षेत्र में जाकर भीख मांग रहा है। ज्ञात हो कि फरवरी 2024 से लगातार जारी इस अभियान से शहर की तस्वीर बदल रही है। जहां कभी हर सिग्नल पर भिक्षुकों की भीड़ दिखाई देती थी, वहीं अब छिटपुट दो-चार लोग ही दिख रहे हैं।
भिक्षावृत्ति बच्चों को कुपोषण, नशा, चोरी और अपराध की ओर धकेल रही
महिला बाल विकास विभाग अधिकारी रजनीश सिन्हा व अभियान से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि भिक्षावृत्ति केवल दया की मांग नहीं, बल्कि बच्चों को कुपोषण, नशा, चोरी और अपराध की ओर धकेलने वाली सामाजिक समस्या बन रही है। कई बच्चे नशे की हालत में भी पाए गए हैं, जिन्हें रिहेबिलिटेशन सेंटर में भर्ती कराया गया है। भीख के पैसों से नशाखोरी चरम पर है, इसलिए शासन भिक्षा नहीं, शिक्षा दो अभियान चला रही है, जिसके तहत महिला बाल विकास विभाग ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोडक़र स्कूलों में एडमिशन कराया है, वहीं कई भिखारियो के हाथों में हुनर भी दिया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved