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देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी रही

-2022-23 की चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी रही जीडीपी वृद्धि दर

नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economy front) पर अच्छी खबर है। देश की आर्थिक वृद्धि (economic growth of the country) दर बीते वित्त वर्ष में उम्मीद से बेहतर (better than expected) रही है। 31 मार्च को समाप्त (जनवरी-मार्च) चौथी तिमाही (fourth quarter) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर (Gross Domestic Product (GDP) growth rate) 6.1 फीसदी (6.1 percent) दर्ज की गई। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह दर 9.1 फीसदी रही थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही है। एनएसओ के जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 फीसदी रही है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह दर 4.5 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में यह वृद्धि दर 4 फीसदी रही थी।

एनएसओ के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में लगभग सभी सेक्टरों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कृषि क्षेत्र में जहां 5.5 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज हुई है, वहीं विनिर्माण के क्षेत्र में यह दर 4.5 फीसदी रही। इस दौरान निर्माण क्षेत्र ने 10.4 फीसदी दर की शानदार वृद्धि की। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,96,983 रुपये रही।


उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर सात फीसदी रहने की संभावना जताई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इसी हफ्ते वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी के अग्रिम पूर्वानुमान से ज्यादा रहने की उम्मीद जताई थी। जीडीपी देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है।

वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 फीसदी रहा
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 फीसदी रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। यह सरकार के लक्ष्य के अनुसार है।

सीजीए ने जारी आंकड़ों में बताया कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 फीसदी रहा है। हालांकि प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 फीसदी रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है। दरअसल, सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।

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