
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (Dr Saumya Swaminathan) ने सोमवार को कहा कि कोरोना के मामले (cases of corona) प्रत्याशित रूप से बढ़े हैं, लेकिन मौतों का आंकड़ा कम हुआ है। स्वामीनाथन ने कहा है कि दुनियाभर में कम इम्युनिटी (low immunity) वाले लोगों का बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन (vaccination) होने का असर दिखने लगा है। उन्होंने कहा- कई पश्चिमी देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, इनमें से कुछ को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ रहा है. लेकिन मौत के आंकड़े में कमी आई है।
स्वामीनाथन ने कहा कि वयस्क लोगों के लिए दो डोज वाली वैक्सीन एक साल या फिर उससे भी ज्यादा समय के लिए कारगर हैं। उन्होंने कहा-ऐसे कई प्रमाण सामने आ रहे हैं जिनसे पता चलता है कि वैक्सीन से पैदा हुई प्रतिरोधक क्षमता लंबे समय तक चल सकती है।
वैक्सीन मिक्सिंग और बूस्टर डोज पर क्या दिया जवाब
वैक्सीन मिक्सिंग को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दिलचस्प कॉन्सेप्ट है लेकिन इस पर ज्यादा डेटा की जरूरत है। वहीं बूस्टर डोज को लेकर उन्होंने कहा कि ये देखना होगा कि इसकी जरूरत है या नहीं. साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि किन लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है।
अप्रूवल प्रोसेस का किया बचाव
कोवैक्सीन को WHO का अप्रूवल मिलने के दो सप्ताह बाद चीफ साइंटिस्ट ने संगठन की प्रक्रिया का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र वैज्ञानिक और तकनीकी प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए।
पहले भी बचाव कर चुका है WHO
कोवैक्सीन को अप्रूवल में लगी देरी पर इससे पहले डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइक रेयान ने कहा था कि किसी टीके के इस्तेमाल की अनुमति देने के फैसले के लिए टीके का पूरी तरह से मूल्यांकन करने और इसकी सिफारिश करने की प्रक्रिया में कभी-कभी अधिक समय लगता है और सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि विश्व को सही सलाह ही दी जाए. भले ही इसमें एक या दो सप्ताह अधिक लग जाएं।
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