
इंदौर। 90 हजार 916 मतदाताओं के माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज ही नहीं था। अब इन मतदाताओं को अपना वेरिफिकेशन करने के लिए दादा-दादी या परिवार के अन्य लोग जो मतदाता सूची में शामिल थे, उनकी जानकारी देनी होगी। जिले में 28.46 लाख मतदाता हैं, लेकिन 22.18 प्रतिशत ही 2003 की सूची में दर्ज थे। 9.21 लाख मतदाता 1987 से पहले जन्मे, लेकिन 2003 की सूची में नहीं थे। हालांकि निर्वाचन विभाग की साइट पर जाकर मतदाता खुद के 2003 में स्थिति देख सकते हंै, वहीं यह सूची बीएलओ के पास भी उपलब्ध रहेगी।
इंदौर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य आज से प्रारंभ हो रहा है। जिन बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति की गई है, वे घर-घर जाकर मतदाताओं का फार्म आज से भरवाएंगे। निर्वाचन विभाग के आकड़ों के अनुसार 90 हजार से अधिक ऐसे मतदाता हैं, जिनके माता-पिता की जानकारी भी 2003 की सूची में दर्ज नहीं है, जबकि वेरिफिकेशन ही 2003 की सूची के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे में अब इन मतदाताओं को दादा-दादी या परिवार के अन्य लोगों की जानकारी साझा करनी होगी। ज्ञात हो कि जिले की 2025 की मतदाता सूची में 28 लाख, 46 हजार 974 मतदाता हैं, लेकिन इसमें 22.18 प्रतिशत ही मतदाता ऐसे हैं, जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में शामिल था। मतलब 6 लाख 31 हजार 517 मतदाता ही 2003 की मतदाता सूची में दर्ज थे, वहीं नौ लाख 21 हजार 978 मतदाता ऐसे हैं, जिनका जन्म 1987 से पहले हुआ, लेकिन 2003 की मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं था। यानी यह मतदाता बाद में मतदाता सूची में शामिल हुए।
22 साल बाद सत्यापन
करीब 22 साल बाद एसआईआर का कार्य किया जा रहा है और इसमें प्रत्येक मतदाता का सत्यापन किया जाएगा। मतदाता को एक फार्म भरकर देना होगा। बीएलओं मतदाता के घर तीन बार पहुंचेंगे और फार्म भरवाएंगे। 2003 की मतदाता सूची को आधार मानकर एसआईआर का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2025 की मतदाता सूची में 1987 से 2004 के बीच जन्मे 11 लाख 51 हजार 95 मतदाता है, लेकिन इनमें तीन लाख 76 हजार 523 मतदाताओं के माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज था, वहीं 7 लाख 74 हजार 572 मतदाताओं के माता-पिता का नाम 2025 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि मतदाता सूची के एसआईआर में सभी मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इसमें मृत, स्थानांतरण और दोहराव वाले मतदाताओं का नाम हटाया जाएगा, वहीं 18 साल की उम्र पूरी करने वाले युवा मतदाताओं का नाम शामिल किया जाएगा।
1.42 लाख मतदाता का जन्म 2004 में हुआ
वर्ष 2025 की मतदाता सूची में एक लाख 42 हजार 384 मतदाता ऐसे हैं, जिनका जन्म 2004 के बाद हुआ। यानी 2003 में हुए एसआईआर के समय इनका जन्म नहीं हुआ था। इनमें 51 हजार 468 मतदाता ऐसे हैं, जो एसआईआर के बाद जन्मे, लेकिन इनके माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज था। अब इन मतदाताओं को भी उनके माता-पिता के आधार पर वेरिफाई किया जाएगा।
पोलिंग बूथ बढ़े
पोलिंग बूथ बढ़ाने के कारण अब 2003 में कितने मतदाता कहां मतदान करते थे, उसकी जानकारी मतदाताओं को देनी होगी। हालांकि निर्वाचन विभाग की साइट पर सभी मतदाताओं की जानकारी आसानी से मिल रही है। ज्ञात हो कि इंदौर जिले में 2003 में हुए एसआईआर के दौरान 1657 पोलिंग बूथ थे, लेकिन 2025 में इनकी संख्या बढक़र 2625 पहुंच चुकी है, वहीं 12 लाख 21 हजार 965 मतदाता भी बढ़ चुके है। 585 पोलिंग बूथ बढ़ाने का प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को भेजा गया है। हालांकि इसकी स्वीकृति अभी नहीं मिली है। स्वीकृति के बाद जिले में पोलिंग बूथों की संख्या बढक़र 3210 हो जाएगी।
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