
खरगोन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) में 5 दिन से लापता महिला लक्ष्मी (Laxmi) का सुराग नहीं मिल रहा है. लक्ष्मी नाम की महिला हिंसा के दिन से ही लापता है. वह अपने बच्चों की खोज में घर से बाहर निकली थी लेकिन इसके बाद से ही उसका कोई सुराग नहीं है. रविवार को खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद आगजनी और हिंसा की घटना हुई थी, जिसके बाद से पूरे जिले में तनाव का माहौल है.
5 दिन से लापता लक्ष्मी
रामनवमी जुलूस (Ramnavami Procession) में उपद्रव के बाद भगदड़ में बच्चो को ढूंढने गई महिला पांच दिन से नहीं मिली. अब महिला का परिवार पुलिस से गुहार लगा रहा है. पुलिस गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच में जुटी गई है. लेकिन मासूम बच्चे मां के नहीं मिलने से बिलख रहे हैं. उपद्रव के तांडव ने मासूम बच्चों की आवाज को ही दबा दिया है. पांच दिन बाद भी 10 साल का अभिजीत और 7 साल की अदिति को अपनी मां लक्ष्मीबाई की कोई खोज-खबर नहीं मिल पाई है. मासूम की आंखें अपनी मां का रास्ता देख रही हैं. पिता अपनी पत्नी को परिवार और रिश्तेदारों के घर खोज रहा है. लेकिन किसी को पता नहीं पांच दिन बीतने के बाद अब मासूम बच्चों की मां को पुलिस खोज पाएगी या नहीं. वहीं बच्चों के ताऊ पवन कुमार ने पुलिस से गुहार लगाई है कि किसी भी तरह मेरी बहू का पता लगाया जाए.
बच्चों की तलाश में निकली थी बाहर
बीती 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर पथराव हुआ था. गुलेल से पेट्रोल बम फेंके गए और तभी से खरगोन की एक महिला लक्ष्मी लापता है. वह अपने बच्चों की तलाश में निकली थी लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है. परिवार अब पुलिस से लक्ष्मी को खोजने की गुहार लगा रहा है. उधर, दंगा प्रभावित खरगोन में शुक्रवार को लोगों को जरूरी सामान खरीदने की सुविधा देने के लिए कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई. खरगोन की जिलाधिकारी अनुग्रह (District Magistrate Grace) पी ने कहा कि रामनवमी समारोह के दौरान शहर में दंगे भड़कने के बाद रविवार शाम को लगाए गए कर्फ्यू में शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ढील दी गई.
कर्फ्यू में मिली 2 घंटे की ढील
उन्होंने कहा कि हालांकि ढील के दौरान लोगों को वाहनों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं थी. लोगों ने इस दौरान सिर्फ आसपास की दुकानों से खरीददारी की. जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय निवासियों को खरीददारी की सुविधा देने के लिए केवल दूध, सब्जी, मेडिकल और राशन की दुकानों को दो घंटे तक खुले रहने की इजाजत दी गई. खरगोर में हुई हिंसा के मामले में अब तक 41 मामले दर्ज किए गए हैं और 148 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद हुई हिंसा में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली लगी थी.
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