
इंदौर। मर्जी के रिश्ते में बलात्कार (rape) की रिपोर्ट (report) पर एक अधेड़ डेढ़ साल जेल (jail) में रहने के बाद उसी युवती के इस बयान के बाद रिहा हो पाया, जिसमें उसने कहा कि उसे बलात्कार का मतलब नहीं पता। मुलजिम (accused) ने उसके परिवार(family) वालों की बहुत मदद की थी, इस कारण वह उससे प्यार करने लगी, लेकिन दादी के दबाव के चलते उसने रिपोर्ट लिखाई। युवती की रिपोर्ट पर अधेड़ पर न केवल मुकदमा चला, बल्कि वह डेढ़ साल जेल में भी रहा। डेढ़ साल तक जेल में बंद अधेड़ की युवती के एक बयान से बेकसूर साबित होने के बाद रिहाई हो गई।
शिवशक्ति नगर में रहने वाला 60 वर्षीय दिलीप पिता बच्चूलाल बनोधा परदेशीपुरा बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के केस में जेल में बंद था। आरोप था कि उसने दिसंबर 2019 में 16 साल की लडक़ी को हवस का शिकार बनाया, जिससे लडक़ी गर्भवती हो गई। गिरफ्तारी के बाद से मुलजिम जेल में था। जांच में पता चला कि लडक़ी की उम्र 16 साल नहीं, बल्कि 19 साल थी यानी घटना के समय वह बालिग थी। युवती ने कोर्ट में खुलेआम कहा कि उसे बलात्कार का मतलब नहीं पता। मुलजिम ने उसके परिवार वालों की बहुत मदद की थी, इस कारण वह उससे प्यार करने लगी थी। उनके बीच जो रिश्ते बने वे मर्जी से बने थे और मुलजिम ने उससे कोई जबरदस्ती नहीं की थी। वह रिपोर्ट कराने भी नहीं जा रही थी, लेकिन दादी उसे जबरन थाने ले गई थी। मुलजिम को पीडि़ता द्वारा क्लीनचिट देने के कारण विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवास्तव ने उसे बरी कर दिया।
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