
न्यूयॉर्क. भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और इसके संबंधित निकायों के कामकाज में पारदर्शिता (transparent) लाने की मांग की है। भारत ने कहा है कि आतंकी संगठनों (terrorist organizations) को ब्लैकलिस्ट करने की मांग को खारिज करने या फिर उन्हें लंबित रखने की वजह बताई जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने यूएन में एक अंतर-सरकारी सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कामकाज में संशोधन की तुरंत जरूरत है।
यूएनएससी के कामकाज में पारदर्शिता लाने की जरूरत
पी. हरीश ने कहा कि ‘यूएनएससी में बदलाव की मांग हमारी स्पष्ट है। यह तब और भी जरूरी हो जाता है, जब दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र की क्षमताओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र मानवता से जुड़े अहम मुद्दों पर कुछ खास कदम नहीं उठा पा रहा है।’ पी. हरीश ने कहा कि सुरक्षा परिषद की संबंधित निकायों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है। पी. हरीश ने उदाहरण दिया कि ‘सूचीबद्ध फैसलों को सार्वजनिक किया जाता है, जबकि सूचीबद्ध अनुरोधों को अस्वीकार करने या फिर तकनीकी रोक लगाने से संबंधित विवरण को गुप्त रखा जाता है। यह असल में एक छिपा हुआ वीटो है।’
भारत ने चीन की मंशा पर उठाए सवाल
भारत के राजदूत ने चीन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अतीत में कई बार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित कराने की भारत की कोशिशों पर चीन द्वारा रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र के अधिकतर सदस्य देश सुरक्षा परिषद में बदलाव के समर्थक हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यवहारिक तौर पर इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। हम इसे लेकर कई चर्चाएं और बैठकें कर चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है। सदस्य देशों को अब बहुत ज्यादा समय बातचीत में नहीं गंवाना चाहिए। यह समय आगे बढ़ने का और नतीजे दिखाने का है।’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved