
इंदौर। एक तरफ निगम मास्टर प्लान की 23 सडक़ों के निर्माण में जुटा है, तो वर्षों पुरानी अधूरी और लिंक सडक़ें भी बनवाई जा रही है। कुछ दिनों पूर्व बर्फानी धाम के पास मालवीय नगर से लेकर लाइफ लाइन हॉस्पिटल तक 12 फीट पतली गली को 60 फीट चौड़ी रोड में परिवर्तित किया गया और यहां के रहवासियों ने अपने तीन-तीन मंजिला पक्के मकान खुद तोड़े। ऐसे 28 परिवारों के 79 लोगों को कल नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने फ्लेटों का लॉटरी के जरिए आबंटन किया। अब इन परिवारों को इन फ्लेटों में शिफ्ट करने में भी निगम मदद करेगा।
शहरभर में सडक़ों सहित अन्य निर्माण कार्यों के चलते अभी और बड़े पैमाने पर तोड़ाफोड़ी की जाना है। छावनी, सुभाष मार्ग का निर्माण भी ड्रैनेज लाइन डलने के बाद शुरू किया जाएगा। वहीं निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक, जो अधूरी और लिंक सडक़ें हैं उनका निर्माण भी अब बारिश बाद पूरा कराया जा रहा है और जिन लोगों ने अपने मकान स्वेच्छा से तोड़े उन्हें फ्लैट भी आवंटित किए जा रहे हैं। कल भी लॉटरी के जरिए 79 लोगों को फ्लैटों के आवंटन-पत्र सौंपे गए। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक रमेश मेंदोला भी मौजूद रहे। इन रहवासियों ने 60 फीट चौड़ी सडक़ बनवाने के लिए अपने मकानों की कुर्बानी दी और नगर निगम से अनुरोध किया कि वे खुद अपने मकान तोड़ लेंगे और रिमूव्हल गैंग नहीं भेजी जाए। इसके चलते कई मकान तो ऐसे थे जो 3-3 मंजिला निर्मित थे, उन्हें भी लोगों ने खुद तोड़ा।
लिहाजा इन परिवारों को सनावदिया में बने प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैटों में शिफ्ट कराया जा रहा है और 79 लोगों को इन फ्लेटों के कब्जे दिए गए। और अब शिफ्टिंग में भी नगर निगम मदद करेगा। दूसरी तरफ अन्य सडक़ों के निर्माण में भी मकान-दुकान तोडऩे वालों को जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैटों में शिफ्ट किया जा रहा है, तो उसके साथ टीडीआर सर्टिफिकेट का भी लाभ दे रहे हैं। नगर िनगम द्वारा अभी मास्टर प्लान की ही 23 सडक़ों का निर्माण किया जाना है, जिनमें से कुछ सडक़ों के निर्माण तो शुरू हो गए हैं, वहीं अगले हफ्ते कुछ और नई सडक़ों के भूमिपूजन के साथ उनके निर्माण ठेकेदार एजेंसियों से शुरू करवाए जाएंगे। नगर निगम ने तीन पैकेजों में इन सडक़ों के निर्माण का ठेका सौंपा है और केन्द्र से मिली 450 करोड़ रुपए की राशि इस पर खर्च की जा रही है।
जिन सडक़ों के निर्माण शुरू करवाए हैं उनमें बाधक निर्माणों की नपती आदि की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि निशान लगाकर कितने मकान-दुकान टूटना है यह तय हो सके। अभी निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव भी लगातार मैदान में उतरकर सडक़ों के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। उन्होंने दो दिन पहले ही जीपीओ से सरवटे बस स्टैंड का निरीक्षण करते हुए रोड मार्किंग और नोटिस की कार्रवाई के साथ ही पानी और ड्रैनेज की लाइन पहले डालने के निर्देश भी दिए। इसी तरह कलालकुई मस्जिद से चंद्रभागा ब्रिज तक की निर्माणाधीन रोड का अवलोकन किया और उसकी गति बढ़ाने के निर्देश दिए। मधुमिलन से छावनी तक बनने वाली रोड में भी पहले नर्मदा-ड्रैनेज लाइन डालने के साथ ही अन्य सडक़ों का भी अवलोकन निगमायुक्त ने किया।
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