
इंदौर। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के द्वारा इंदौर अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर इंदौर जिले के अंतर्गत आने वाले तीन स्थानों पर 100 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाईओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। इनमें से हर फ्लाईओवर ब्रिज में अंडरपास भी दिया जाएगा। इन ब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर हो गए हैं। अब जल्द ही भूमिपूजन समारोह आयोजित करने की तैयारी की जा रही है।
इंदौर धार रोड को वाहन दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील मार्ग के रूप में पहचाना जाता है। इस मार्ग पर कई स्थान ऐसे हैं जिन्हें की यातायात का अध्ययन करते हुए ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है। इन ब्लैक स्पॉट पर आए दिन कोई ना कोई वाहन दुर्घटना होते रहती है। इन दुर्घटनाओं के कारण कई लोगों की जान जाती है तो कई लोग घायल होकर कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहते हैं। ऐसी स्थिति के चलते हुए इन ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए इन स्थानों पर फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण करने का प्रोजेक्ट बनाया गया था। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के द्वारा इंदौर अहमदाबाद हाईवे के आधार पर इस मार्ग पर तीन फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण इंदौर जिले में करने का प्रस्ताव रखा गया था।
इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके अंतर्गत इंदौर से पीथमपुर जाने वाले रास्ते के जंक्शन पर 6 लेन का 1.120 किलोमीटर का फ्लाईओवर ब्रिज बनाया जाएगा। दूसरा फ्लाईओवर ब्रिज बेटमा जंक्शन पर बनाया जाएगा जो की 1.10 किलोमीटर लंबा होगा। तीसरा फ्लाईओवर ब्रिज इंदौर और धार के जंक्शन पर बनाया जाएगा जो की 1.20 किलोमीटर लंबा होगा। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इन तीनों फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण के लिए नेशनल हाईवे के द्वारा टेंडर कर लिए गए हैं। अब जल्द ही इन फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण शुरू करने के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। इन तीनों के बीच में यह समानता है कि तीनों ही ब्रिज 6 लेन की चौड़ाई के होंगे। तीनों ही ब्रिज में अंडर पास दिया जाएगा जिसके माध्यम से वाहन नीचे से भी निकाल सकेंगे। इन तीनों फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होगी।
वाहन दुर्घटनाएं होंगी कम
इस प्रोजेक्ट को इस तरह से बनाया गया है कि जब यह फ्लाईओवर ब्रिज आकर ले लेंगे तो उसके बाद इस मार्ग पर वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आ जाएगी। इसी मकसद से इन सभी फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। उक्त प्रोजेक्ट बनाने के पहले इस मार्ग पर यातायात और वाहन दुर्घटनाओं का अध्ययन करते हुए रिपोर्ट तैयार की गई थीं।
सात ब्रिज का होगा निर्माण
नेशनल हाईवे के द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट के अनुसार मध्य प्रदेश की सीमा में इस योजना के अंतर्गत सात फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। इसके लिए अलग-अलग टैंडर कर दिए गए हैं। इनमें से हर ब्रिज का निर्माण होने में कार्य आदेश जारी होने के बाद 2 साल का वक्त लगेगा।
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