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दिल्ली पुलिस की तीन यूनिट करेगी ट्रैक्टर रैली उपद्रव की जांच, ऐसे करेगी हिंसा के आरोपियों की पहचान

नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस पर लाल किला सहित दिल्ली के विभिन्न जगहों पर हुए उपद्रव की जांच में दिल्ली पुलिस की तीन यूनिट लगाई गई हैं। राजद्रोह और साजिश की जांच स्पेशल सेल की लोधी कॉलोनी यूनिट करेगी। वहीं गंभीर नौ मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है, जबकि अन्य मामलों की जांच स्थानीय पुलिस करेगी। पुलिस कमिश्नर ने इन सभी मामलों में शामिल आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने छह किसान नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने उपद्रव किए थे। उन्होंने जगह-जगह बैरिकेड तोड़े, गाड़ियां तोड़ीं और 394 पुलिसकर्मियों को घायल किया। इसके अलावा लाल किले पर निशान साहिब का झंडा लगाया गया। इन सभी घटनाओं के दौरान पुलिस ने केवल आंसू गैस एवं हल्के बल का इस्तेमाल किया। हिंसा को लेकर दिल्ली के विभिन्न थानों में 33 एफआईआर अभी तक दर्ज की गई हैं। इनकी जांच स्थानीय पुलिस, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच कर रहे हैं।


राजद्रोह और साजिश की जांच करेगी स्पेशल सेल
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो सप्ताह पहले सिख फॉर जस्टिस द्वारा जारी एक पत्र को लेकर यूएपीए एक्ट और राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। इस पत्र में लाल किले पर खालिस्तानी झंडा लगाने वाले को मोटा इनाम देने की बात लिखी थी। इसके अलावा पाकिस्तान के 308 ट्विटर हैंडल से भी लोगों को भड़काया जा रहा था, जिसकी संख्या 25 जनवरी तक 1100 हो चुकी थी। खालिस्तानी आतंकियों के साथ ही स्पेशल सेल उनके समर्थकों पर भी नजर रख रही है। स्पेशल सेल की जांच में लालकिले पर हुई घटना भी आएगी। साजिश में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए स्पेशल सेल जुट गई है।

नौ महत्वपूर्ण मामलों की जांच करेगी क्राइम ब्रांच
दिल्ली में हुई हिंसा की 33 एफआईआर में से नौ मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। इनमें लाल किला हिंसा, गाजीपुर हिंसा, मुकरबा चौक हिंसा, आईटीओ चौक हिंसा, नांगलोई हिंसा, नजफगढ़ और बाबा हरिदास नगर में हुई हिंसा के मामले शामिल हैं। इन जगहों पर सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। इसमें शामिल आरोपितों की पहचान कर उनकी जल्द गिरफ्तारी करने के निर्देश कमिश्नर की तरफ से उन्हें मिले हैं। इसके अलावा अन्य मामलों की जांच उन थानों की पुलिस करेगी, जिनके क्षेत्र में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने एफआईआर दर्ज की है।

आरोपितों तक ऐसे पहुंचेगी पुलिस
दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों की तर्ज पर दिल्ली पुलिस इस हिंसा के आरोपितों की पहचान करेगी। इसके लिए पुलिस पंजाब एवं हरियाणा में रहने वाले लोगों के लाइसेंस का डाटा ले सकती है। उसका मिलान विभिन्न वीडियो फुटेज से फेस रिकॉग्निशन सिस्टम से किया जाएगा। मिलान होने पर उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस देकर बुलाया जाएगा और पर्याप्त साक्ष्य होने पर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इसके अलावा मुखबिरों के जरिये भी जानकारी जुटाई जा रही है। किसान नेताओं को भी उनके द्वारा जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, जिनके खिलाफ साक्ष्य मौजूद हैं, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।

इन्हें भेजा गया नोटिस
उपद्रव प्रकरण की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने छह किसान नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। इन सभी नेताओं को आज क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इनमें बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शनपाल सिंह, राकेश टिकैत, सरवन सिंह पंधेर और सतनाम पन्नू के नाम शामिल हैं।

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