
अस्थायी डिवाइडर भी अपर्याप्त, एमपीआईडीसी के दोनों फ्लायओवर भी लेटलतीफी का शिकार, 16 दिसम्बर को होने वाली सुनवाई में प्रस्तुत की जाएगी जांच रिपोर्ट
बीआरटीएस तुड़ाई में ढिलाई के साथ कई खामियां हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने पकड़ीं
इंदौर। बीआरटीएस (BRTS) की तुड़ाई में नगर निगम (Municipal council) नकारा ही साबित हुआ और हाईकोर्ट (High Court) की फटकार के बाद काम की गति तो बढ़ी, मगर अभी भी कई खामियां नजर आई। हाईकोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई करते हुए ना सिर्फ अफसरों को फटकार लगाई, बल्कि वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश पटवर्धन की अध्यक्षता में आधा दर्जन वकीलों की कमेटी भी गठित कर दी। इस कमेटी ने कल लगभग आधे बीआरटीएस का निरीक्षण किया और आज शाम पलासिया से नीरंजनपुर का दौरा करेगी। कमेटी अध्यक्ष श्री पटवर्धन ने स्वीकार किया कि काम में ढिलाई के साथ-साथ लापरवाही साफ नजर आती है और बस यात्री भी परेशान हो रहे हैं।
अभी 16 दिसम्बर को हाईकोर्ट इस मामले की फिर से सुनवाई करेगा, जिसमें कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। हाईकोर्ट के ही निर्देश पर कमेटी अध्यक्ष श्री पटवर्धन ने अन्य वकीलों की टीम के साथ राजीव गांधी से लेकर जीपीओ होते हुए पलासिया तक का दौरा किया, जिसमें एक तरफ की रैलिंग तो हटी हुई दिखी मगर कई जगह काम लापरवाही से और रैलिंग के साथ-साथ अन्य मलबा भी पड़ा पाया गया। बीम तोडऩे के बाद जो डामरीकरण किया गया उसकी गुणवत्ता भी कमेटी ने अच्छी नहीं पाई, बल्कि समान डामर की बजाय उबड़-खाबड़ नजर आया, जिससे दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी होगी। श्री पटवर्धन से जब अग्रिबाण ने पूछा कि दौरे के दौरान उन्हें क्या-क्या गड़बडिय़ां मिलीं तो उन्होंने बताया कि काम की गति तो बढ़ी है, मगर जिस गुणवत्ता के साथ मलबा हटाने, रैलिंग तोडऩे और बीम को हटाने के बाद सडक़ निर्माण होना था वैसा काम मौके पर नजर नहीं आया। साथ ही हाईकोर्ट ने नगर निगम ने यह भी जानकारी दी थी कि जो बस यात्री हैं उन्हें टिकट बस स्टॉप से ही वितरित की जा रही है। जबकि मौके पर पता चला कि सारे ही बस स्टॉप एआईसीटीएसएल ने बंद कर दिए हैं और फुटपाथ से टिकट बेची जा रही है। यह कैसे संभव है कि बसों का आवागमन बीआरटीएस कॉरिडोर के भीतर पूरी तरह से बंद कर दिया और अब बसें दोनों तरफ की सामान्य लेन में चल रही हैं, तो टिकट कॉरिडोर के अंदर बने बस स्टॉप से यात्री कैसे करेंगे और फिर वापस आकर बस में बैठेंगे। इस तरह की विसंगतियों की जानकारी वे अपनी रिपोर्ट में हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। श्री पटवर्धन ने यह भी कहा कि नीरंजनपुर से लेकर सत्यसांई चौराहा तक एमपीआईडीसी द्वारा जो दो फ्लायओवर का निर्माण किया जा रहा है उनके काम की गति भी धीमी है और निगम सहित अन्य विभागों के साथ सामंजस्य का भी अभाव नजर आता है। इस बारे में भी कमेटी की तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में उल्लेख किया जाएगा। निगम अधिकारियों का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट ने एक की रैलिंग हटाने के निर्देश दिए थे और यह काम लगभग पूरा हो गया है। इस पर कमेटी सदस्यों का कहना है कि हाईकोर्ट ने यह थोड़ी कहा कि सिर्फ एक तरफ की रैलिंग ही हटाना है, बल्कि साथ में गुणवत्तापूर्वक कार्य किया जाना चाहिए था। मलबा हटाने से लेकर पेंचवर्क करने तक के काममें ढिलाई बरती जा रही है और जो डिवाइडर लगाए गए वे भी अपर्याप्त हैं, जिसके कारणदुर्घटनाओं की आशंका भी अब बढ़ गई है।

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