वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) इजरायल के दौरे पर हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने दक्षिणी इजरायल (southern israel) में अमेरिका के नेतृत्व वाले समन्वय केंद्र का दौरा किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने गाजा पर किसी तरह के प्लान बी से इनकार किया और दो टूक कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का 20 सूत्री फॉर्मूला ही सर्वोत्तम है। मार्को रुबियो ने कहा कि गाज़ा में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार की गई योजना के अलावा कोई और योजना नहीं है। उन्होंने इसे सर्वश्रेष्ठ और ‘एकमात्र योजना’ बताया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इजरायल ने अब तक हमास के साथ युद्धविराम समझौते में अपनी प्रतिबद्धता पूरी की है, और आतंकवादी समूह से हथियार डालने का अनुरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमास शांति के लिए कोई ख़तरा पैदा करता है, तो इजरायल को शत्रुता को फिर से शुरू करने के लिए अमेरिका की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
गाजा पर आगे की योजना
लगभग 200 अमेरिकी सैनिक इस केंद्र में इजराइली सेना और अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं तथा गाजा के स्थिरीकरण और पुनर्निर्माण की योजना बना रहे हैं। ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक पत्रकार ने शुक्रवार को वहां साइप्रस, यूनान, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के झंडों के साथ अंतरराष्ट्रीय कर्मियों को देखा।
कॉर्डिनेटर की घोषणा नहीं
रुबियो द्वारा ऐसे असैन्य कॉर्डिनेटर की घोषणा किए जाने की संभावना जताई जा रही थी जो अमेरिकी मध्य कमान के एक कमांडर के साथ मिलकर काम करेगा लेकिन उन्होंने घटनास्थल के अपने लगभग चार घंटे के दौरे में ऐसी कोई घोषणा नहीं की। रुबियो ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक मिशन है… ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मुझे लगता है कि कार्यान्वयन के पहले 10, 11, 12 दिनों में हमें गर्व करने के लिए बहुत कुछ मिला है, जहां हमें रास्ते में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।’’
अमेरिका अन्य सहयोगियों, विशेषकर खाड़ी अरब देशों से समर्थन मांग रहा है ताकि एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल का गठन किया जा सके, जिसे गाजा में तैनात किया जा सके तथा जो फलस्तीनी बल को प्रशिक्षित कर सके। रुबियो ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी अधिकारी गाजा में सेना के लिए संयुक्त राष्ट्र अधिदेश या अन्य अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण प्राप्त करने हेतु संभावित भाषा पर काम कर रहे हैं क्योंकि कई संभावित प्रतिभागियों को इसकी आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि कई देशों ने रुचि व्यक्त की है ।
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