वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कार्यकाल के अंतिम दिनों में अमेरिका ने फिर हिंसा का रूप देखा है। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल (Capitol Hill) में जबरदस्त हंगामा कर किया है। जब भारत में देर रात का वक्त था उस वक्त हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल जहां इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) की प्रक्रिया चल रही थी, वहाँ घुस गए, यहां तोड़फोड़ की, सीनेटरों को बाहर किया और कब्जा कर लिया था। लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल पर कब्जा फिर जमा लिया। हिंसा को देखते हुए वाशिंगटन मेयर ने 15 दिन की इमरजेंसी का ऐलान किया है
इस संघर्ष मे लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। यह डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की जा रही थी.
इस पूरे बवाल के दौरान एक महिला ट्रंप समर्थक को गोली लग गई, जिसकी वहां पर ही मौत हो गई। वही 3 अन्य लोगों की चिकित्सा आपात की स्थिति में मौत हो गई। जब पूरे इलाके को खाली करवाया गया तो ट्रंप समर्थकों के पास बंदूकों के अलावा अन्य खतरनाक चीजें भी मौजूद थीं।
ट्रंप के समर्थकों ने पहली बार इस तरह का बवाल नहीं किया है, लेकिन कैपिटल हिल में घुसकर इस बार हद को पार किया गया। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस विवाद की निंदा की, साथ ही इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया। जो बाइडेन ने कहा कि ट्रंप को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए, अपने समर्थकों को समझाना चाहिए।
Disgraceful scenes in U.S. Congress. The United States stands for democracy around the world and it is now vital that there should be a peaceful and orderly transfer of power.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) January 6, 2021
जब वॉशिंगटन में बवाल चल रहा था तब ट्रंप शांत रहे। लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने समर्थकों से घर वापस जाने की अपील की। लेकिन इस वीडियो में भी वो चुनाव को लेकर फर्जी दावे करते नज़र आए, जिसके बाद इस वीडियो को भी हटा दिया गया। वहीं, इस Facebook और YouTube ने ट्रंप के भी वीडियो को हटा दिया।
कब-कब हुआ है कैपिटल पर हमला
1812 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कैपिटल में इस तरह दाखिल हुआ गया है। तब अगस्त 1814 में अंग्रेजों ने इमारत पर हमला कर दिया था और आग लगा दी थी। 1954 में हाउस चेंबर में तीन पुरुष और एक महिला विजिटर गैलरी में हथियारों के साथ जाकर बैठ गए थे। प्योर्टो रीकन नैशनलिस्ट पार्टी के ये सदस्य देश की आजादी की मांग कर रहे थे। उन्होंने 1 मार्च, 1954 की दोपहर को सदन में ओपन फायरंग कर दी और प्योर्टो रीको का झंडा लहरा दिया। इस घटना में कांग्रेस के पांच सदस्य घायल हुए थे।
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