
नई दिल्ली । अमेरिका(America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(President Donald Trump) के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव(Trade tensions) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किसानों के समर्थन को मजबूत करने के लिए सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह सब बिहार के अहम विधानसभा चुनाव से पहले हो रहा है, जहां आधी से ज्यादा आबादी खेती और इससे जुड़े कार्यों पर निर्भर है।
ट्रंप द्वारा भारत से अमेरिका जाने वाले निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने के एक दिन बाद पीएम मोदी ने समर्थकों से कहा कि वे किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े। कैबिनेट में पीएम मोदी के शीर्ष सहयोगियों ने संकेत दिया कि भारत अमेरिकी दबाव में कृषि और डेयरी बाजार को खोलने के लिए तैयार नहीं है। मंगलवार को प्रमुख किसान संगठनों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर सरकार को समर्थन का भरोसा दिलाया।
अमेरिका को अत्यधिक रियायतें न दी जाएं
हाल के हफ्तों में ट्रंप के बयानों ने भारतीय जनभावनाओं को अमेरिका के खिलाफ और मोदी के समर्थन में मोड़ा है। विपक्ष और किसान संगठनों ने सरकार को चेताया है कि अमेरिका को अत्यधिक रियायतें न दी जाएं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबलडेटा टीएस लोम्बार्ड की मुख्य अर्थशास्त्री शुमिता देवेश्वर के मुताबिक, “भारत का लहजा बदला है। अमेरिका की ओर से कृषि क्षेत्र में दखल किसानों को नागवार गुजरेगा। भारत किसी विदेशी ताकत के आगे झुकता न दिखे, यह जरूरी है।”
मोदी की बढ़ी लोकप्रियता
बिहार चुनाव में भाजपा अपने सहयोगियों पर निर्भर है। किसानों का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभा सकता है। सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक, 1 अगस्त को मोदी से ‘बेहद संतुष्ट’ लोगों का आंकड़ा 46% था जो कि 15 अप्रैल के 45.8% के करीब है। इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख का कहना है कि ट्रंप-भारत विवाद से मोदी को ही फायदा होगा और विपक्ष के लिए माहौल में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा।
राष्ट्रीय प्राथमिकताएं सर्वोपरि
2021 में किसानों के सालभर लंबे आंदोलन ने मोदी सरकार को तीन विवादित कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर किया था। अब मोदी अमेरिकी कंपनियों को कृषि और डेयरी क्षेत्र में प्रवेश न देने के फैसले से ग्रामीण वोटबैंक मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ यूथ प्रोग्रेसिव फार्मर्स एसोसिएशन के वीरेंद्र लोहन ने कहा, “आपने दिखा दिया कि भारतीय किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि इस राष्ट्र की आत्मा है। इसे कोई विदेशी ताकत नियंत्रित नहीं कर सकती।” भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “राष्ट्रीय प्राथमिकताएं सर्वोपरि हैं और किसानों व कृषि के साथ किसी भी तरह का जोखिम स्वीकार्य नहीं।”
मैकडॉनल्ड्स का हो बहिष्कार
स्वदेशी जागरण मंच ने अमेरिकी उत्पादों और फूड चेन (जैसे मैकडॉनल्ड्स) के बहिष्कार का आह्वान किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत को दंडित करने की कोशिश उसकी बढ़ती वैश्विक हैसियत से असहजता का परिणाम है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी पर ट्रंप से शुरुआती नजदीकी का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि किसानों को टैरिफ के असर से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।
सिटीग्रुप इंक. का अनुमान है कि 50% टैरिफ से भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर में 0.8 प्रतिशत अंक तक की गिरावट आ सकती है। अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नीलांजन सिरकार के अनुसार, “ट्रंप का रुख भारत के प्रति दबंगई जैसा है और ऐसे में लोग अपने नेताओं के साथ खड़े होना चाहेंगे। लेकिन यह लाभ तभी तक रहेगा, जब तक आर्थिक चोट ज्यादा गहरी नहीं होती है।”
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