
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एनडीए (NDA) की अहम सहयोगी और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की पार्टी अपना दल (सोनेलाला) इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। दरअसल, पार्टी के संस्थापक और अनुप्रिया के पिता सोनेलाल की जयंती से एक दिन पहले अपना दल के पूर्व कार्यकर्तओं और नेताओं ने ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह (Brajendra Pratap Singh) की अगुवाई में अपना मोर्चा बनाने का ऐलान किया है। सिंह खुद इस विद्रोही संगठन के संयोजक होंगे। अपना दल के बागियों के इसी कदम ने अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की पार्टी को नई टेंशन दे दी है।
टेंशन इस बात की भी है कि सिंह ने अपना दल के सभी विधायकों का समर्थन किया है, जबकि अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही है। इसके अलावा यह विद्रोही मोर्चा 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में एनडीए का समर्थन करेगा। अपना दल (सोनेलाल) 2014 से ही एनडीए में शामिल है और भाजपा की सहयोगी है।
मनोनीत सरकारी पदों से हटाने की मांग
उधर, अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने कहा है कि इन बागियों को और बागी मोर्चे से जुड़े लोगों को 2022 में ही पार्टी विरोधी गतिविधियों से निष्कासित कर दिया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक,दूसरी तरफ अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष आरपी गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर बागी नेताओं और उनके रिश्तेदारों को मनोनीत सरकारी पदों से हटाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि अपना दल नेतृत्व को विश्वास में लिए बिना ही उन्हें फिर से नियुक्त कर दिया गया।
ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी सरकारी एडिशनल एडवोकेट
गौतम ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी मोनिका आर्य राज्य की तरफ से एडिशनल एडवोकेट हैं, जबकि दूसरे बागी नेता अरविंद बौद्ध पूर्वांचल विकास बोर्ड के मेंबर हैं। गौतम ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे दलों में आपसी विश्वास स्थापित करने और अपना दल के हितों की रक्षा के लिए उन बागियों को तत्काल उनके पदों से हटा दें। उन्होंने कहा है कि अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं के बीच एनडीए गठबंधन के प्रति विश्वास और पारदर्शिता की भावना को मजबूत करने के लिए यह कदम जरूरी है।
आशीष पटेल बोले यह साजिश का हिस्सा
दूसरी तरफ, अपना दल (एस) के नेता और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि बागी जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए कोई खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं (बागी) को पार्टी ने तीन साल पहले ही निष्कासित कर दिया था। यह मोर्चा एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जो तब सामने आती है जब हम संगठनात्मक रूप से कुछ बड़ा प्लान करते हैं। इन लोगों का कोई राजनीतिक आधार नहीं है।
अनुप्रिया की मुहिम पर ब्रेक तो नहीं?
हालांकि, अपना दल (एस) में कई लोगों ने कहा कि बागी उस गति को धीमा कर सकते हैं जो पिछले कुछ हफ्तों में पार्टी ने पकड़ी है। अपना दल को उस समय बागियों के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है, जब पार्टी संगठनात्मक सुधार के लिए लगातार मासिक बैठकें कर रही है और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ओबीसी के लिए अलग से एक केंद्रीय मंत्रालय बनाने की मांग मोदी सरकार से कर रही हैं। पटेल की यह कोशिश ओबीसी वोच बैंक को साधने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अपना दल (सोनेलाल) भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टी के 13 विधायक हैं।
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