
इंदौर। रिकॉर्ड बनाने के बाद इंदौर में वैक्सीनेशन अभियान (record vaccination campaign) लगभग ठप-सा पड़ा है। हफ्तेभर से लोग वैक्सीन (vaccine) लगवाने के लिए परेशान हो रहे हैं और चुनिंदा सेंटरों ( selected centers) पर ही वैक्सीन (vaccine) लग रही है और वहां भी लम्बी-लम्बी कतारें (queues) लग जाती है। आज और कल भी वैक्सीनेशन नहीं होगा और अब सोमवार को कितने लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी उसका भी खुलासा इस बात से होगा कि भोपाल (bhopal) से कितने डोज इंदौर (indore) को दिए जाने वाले हैं।
पूरे देश (country) में सबसे तेज गति से अभियान इंदौर (indore) में शुरू हुआ और 27 लाख से अधिक डोज लगा दिए गए। 76 फीसदी तक 18 साल से अधिक उम्र की आबादी को पहला डोज तो लगाया जा चुका है। लगभग 22 लाख लोगों को पहला और लगभग 5 लाख लोगों को दोनों डोज लग गए हैं। मगर बीते हफ्तेभर से यह अभियान सुस्त गति से चल रहा है, क्योंकि एक चौथाई डोज भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं, बल्कि दूसरा डोज ही ज्यादा लगवाया गया और पहला डोज लगवाने वाले भटक रहे हैं। अभी 8 जुलाई को 166 केन्द्रों पर वैक्सीन (vaccine) लगी, जिसमें 51 हजार से अधिक लोगों को पहला और दूसरा डोज लगाया गया। अभी कुछ बचे हुए हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्करों को भी वैक्सीन (vaccine) लगवाई जा रही है। वहीं निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में भी जाकर लोगों को मजबूरी में राशि खर्च कर वैक्सीन लगाना पड़ रही है। कुछ निजी अस्पतालों में रूस की वैक्सीन स्पूतनिक भी लगना शुरू हो गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने वैक्सीनेशन को लेकर अच्छा माहौल बनाया और लोगों ने भी जागरूकता दिखाई, लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण इंदौर की बची हुई आबादी को तय समय में वैक्सीन नहीं लगपा रही है। अन्यथा अभी तक तो 18 साल से अधिक की पूरी ही आबादी को पहला डोज तो आसानी से लग जाता। एक दिन में ही 2 लाख 21 हजार वैक्सीन (vaccine) लगाने से लेकर बाद के दिनों में भी डेढ़ लाख से ज्यादा, तो फिर जितने भी डोज बचते हैं वे शत-प्रतिशत लगा दिए जाते हैं। अब समस्या यह है कि डोज कम हैं और लगवाने वाले उससे कई गुना ज्यादा। लिहाजा सेंटरों पर सुबह से भीड़ लगने के साथ 11-12 बजे तक ही वैक्सीन (vaccine) खत्म भी हो जाती है। कई सेंटरों पर लोगों ने घंटों खड़े रहने के बाद जब वैक्सीन (vaccine) नहीं मिली तो जमकर हंगामा मचाया और केन्द्र-राज्य शासन को कोसा भी, जिसमें लगातार वैक्सीन (vaccine) लगाने की अपील की जा रही है।
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