
इन्दौर। अगर आपको कहीं किसी काम से या घूमने जाना है तो थोड़ा इंतजार करना होगा। इस समय शहर के सभी ट्रेवल्स से प्रमुख गाडिय़ां गायब हो चुकी हैं। इसका प्रमुख कारण प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ और भोपाल में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) है। महाकुंभ के आखरी शाही स्नान के लिए या तो गाडिय़ां निकल चुकी हैं या बुक हो चुकी हैं। वहीं अधिकांश गाडिय़ां जीआईएस के लिए भोपाल भेजी जा चुकी हैं।
ट्रेवल्स संचालकों की मानें तो शहर में लंबे समय बाद ट्रेवल्स की गाडिय़ों की ऐसी कमी बनी है। कुंभ में जाने के लिए रेल में टिकट न मिल पाने और हवाई टिकट काफी महंगा होने के कारण लोग परिवार या दोस्तों के साथ सडक़ मार्ग से जाना पसंद कर रहे हैं। जिनके पास खुद की गाडिय़ां नहीं हैं ऐसे लोग ट्रेवल्स से इनोवा जैसी गाडिय़ां पहले ही बुक कर चुके हैं। वहीं भोपाल में आज और कल आयोजित होने वाले जीआईएस में आने वाले मेहमानों के लिए राज्य शासन के आदेश पर इंदौर की ही कंपनी 800 से ज्यादा गाडिय़ां 21 फरवरी से ही भोपाल भेज चुकी है। ऐसे में इंदौर में किसी भी ट्रेवल्स के पास गाडिय़ां उपलब्ध नहीं हैं। 24 और 25 फरवरी को जहां भोपाल में जीआईएस है, वहीं 26 फरवरी को प्रयागराज में महाशिवरात्रि के अवसर पर आखिरी शाही स्नान भी है। ऐसे में गाडिय़ों की कमी सबसे ज्यादा खल रही है।
दूसरे राज्यों से बुलवाकर भोपाल भेजी गाडिय़ां
जीआईएस में वाहन व्यवस्था संभालने वाली कंपनी इम्पैक्ट ट्रेवल्स के संचालक अनिल शर्मा ने बताया कि इंदौर और भोपाल में पहले से कुंभ के लिए गाडिय़ों की बुकिंग होने के कारण गाडिय़ों की कमी थी। ऐसे में जीआईएस के लिए शासन ने 400 इनोवा, 300 डिजायर और 30 से ज्यादा ट्रेवलर मांगी थीं। इनकी पूर्ति करने के लिए अहमदाबाद, मुंबई, पुणे और दिल्ली तक से गाडिय़ां मंगवाकर आयोजन के लिए दी गई हैं। ऐसे में इंदौर में गाडिय़ों की भारी कमी आ चुकी है।
इनोवा की सबसे ज्यादा डिमांड
लंबे सफर के लिए सबसे ज्यादा आरामदायक मानी जाने वाली इनोवा की इस समय सबसे ज्यादा डिमांड है। इसलिए जीआईएस में भी 400 इनोवा ही मांगी गई हैं। वहीं कुंभ में जाने के लिए आम लोग भी इनोवा ही बुक करना पसंद कर रहे हैं। इसके कारण इनकी भारी कमी आ चुकी है। जिन ट्रेवल्स संचालकों के पास एक-दो गाडिय़ां उपलब्ध भी हैं, वे भी इन गाडिय़ों के लिए दोगुना से ज्यादा किराया मांगने लगे हैं।
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