
महिदपुर। कल शोभा यात्रा और राष्ट्र संत सूरिश्वरजी के नगर आगमन पर महिदपुर में पूरा धार्मिक माहौल हो गया। जगह-जगह स्वागत हुआ। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन ने उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है। शोभायात्रा मार्ग पर जगह-जगह अक्षत श्रीफल से गंवली कर गुरुदेव की अगवानी की गई। समाजजनों ने दर्शन कर गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया। राजेन्द्रसूरी महिला मण्डल, बहुमण्डल, खरतरगच्छ आदि महिला मण्डल व बहुमण्डल की महिलाऐं ड्रेसकोड में सिर पर मंगल कलश धारण कर शोभायात्रा में चल रही थी। नित्यसेन सूरी पधार रहे है की धुन से वातावरण सुशोभित हो रहा था। शोभा यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शांतिनाथ आराधना भवन में धर्मसभा में परिवर्तित हुई। गुरुदेव के मंगलाचरण से धर्मसभा प्रारंभ हुई। त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के संरक्षकों द्वारा दादा गुरुदेव व पूण्य सम्राट के चित्र पट्ट पर धूप, दीप व माल्यार्पण किया गया। संघ की ओर से गुरुदेव को काम्बली ओढ़़ाई गई। धर्मसभा में मुनिराज निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि हमें समभाव में रहना चाहिये। समभाव से आत्मा का कल्याण होता है। आत्मा अपने स्वभाव से चलती है। जड़ और चेतन मनुष्य का स्वभाव है। अतिनि से अर्थोपार्जन करने से हम दुखी होते है जितनी आवश्यकता है उतना अर्थोपार्जन नितिपूर्वक करना चाहिये। जिससे हमें सुख की अनुभूति होगी। साधु संत हमेशा मनुष्य को मोक्ष में जाने का मार्ग दिखाता है। कार्यक्रम का संचालन पारस लुणावत ने किया। माणकलाल छाजेड़ ने आभार व्यक्त किया। गच्छाधिपति बनने के बाद आपका प्रथम बार नगर आगमन हुआ।
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