
बाकू । सोवियत रूस से अगल हुए आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जमीन के एक हिस्से को लेकर रविवार को हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. आर्मेनिया ने दावा किया है कि अजरबैजान की सेना की ओर से चलाई गई गोली एक महिला और एक बच्चे को लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनकी सेना को काफी नुकसान हुआ है.
दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव युद्ध के स्तर पर पहुंच गया है. आर्मेनिया और अजरबैजान ने अपनी अपनी सीमा पर टैंक, तोप और लड़ाकू हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं. इस बीच आर्मेनिया ने देश में मार्शल लॉ लागू करते हुए अपनी सेनाओं को बॉर्डर की तरफ कूच करने का आदेश दिया है. दोनों देशों के बीच हालात इस कदर बेकाबू हो गए हैं कि आर्मेनिया ने अजरबैजान के दो लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया है.
हालांकि अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इन दावों का खंडन किया है. यहां दोनों ही देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं. नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया. उनके इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया और दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई.
अजरबैजान का साथ देने वाले तुर्की में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता उमर सेलिक ने ट्वीट करते हुए आर्मेनिया की ओर से किए गए हमले की निंदा की है. तुकी ने कहा है कि आर्मेनिया लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है और कानून को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि तुर्की किसी भी परिस्थिति में अजरबैजान के साथ खड़ा रहेगा. आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोलस ने तुर्की को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद से दूर रहे. निकोलस ने कहा कि तुर्की इस विवाद के बीच में न आए क्योंकि उसे गंभीर परिणाम उठाने पड़ सकते हैं.
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