
जबलपुर। धान उपार्जन का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन खरीदी केंद्रों पर व्यवस्थाएँ अभी भी पटरी पर नहीं आ पाई हैं। प्रशासन अवैध उपार्जन और बिचौलियों पर कार्रवाई तो लगातार कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर बारदानों की कमी और सुस्त तुलाई व्यवस्था के कारण किसान इंतजार करने को मजबूर हैं। बारिश की आशंका से उनकी बेचैनी और बढ़ गई है, क्योंकि खेतों से लेकर घरों तक रखा धान नमी की मार झेल सकता है।
40 गांवों में मात्र एक खऱीदी केंद्र
पनागर-सिहोरा से लगे 40 गाँवों के बीच केवल एक खरीदी केंद्र सिंगोद में बनाए जाने से किसानों की समस्या और बढ़ गई है। सुबह से कतार में खड़े किसान बारदानों की कमी के कारण तुलाई शुरू होने का इंतजार करते नजर आए। कई किसानों का कहना है कि तुलाई मशीनें तो मौजूद हैं, लेकिन बारदान ही उपलब्ध नहीं होने से प्रक्रिया रुकी हुई है। स्थिति यह है कि नमी कम होने के बावजूद किसान अपना धान तौलवाने केंद्रों तक पहुँचा चुके हैं, परंतु व्यवस्थाएँ धीमी होने की वजह से खरीदी की गति पकड़ नहीं पा रही। वहीं दूसरी ओर प्रशासन दावा कर रहा है कि बारदान सप्लाई जारी है और जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
फिर रिजेक्ट हो जाएगा माल
बारिश की आशंका ने किसानों की परेशानी दोगुनी कर दी है। खुले में रखा धान नमी होने पर रिजेक्ट हो सकता है, जबकि खरीदी की सुस्त रफ्तार से धान के खराब होने का डर बना हुआ है। किसान चाहते हैं कि खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए और तुलाई की गति बेहतर की जाए, ताकि दूर-दूर से आए किसानों को बार-बार चक्कर न काटना पड़े। यदि बारदानों की सप्लाई समय पर नहीं हुई और मशीनरी ने गति नहीं पकड़ी, तो आने वाले दिनों में धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। किसानों ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है, ताकि उनका उपज सुरक्षित रहते हुए समय पर बिक सके।
कार्रवाई तेज, दुकानें और गोदाम सील
बिचौलियों और अवैध धान भंडारण पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। एसडीएम और तहसील प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में बिना लाइसेंस धान खरीदने वाली कई दुकानों पर ताले जड़ दिए गए। इंद्राना क्षेत्र में भी वेयरहाउस सील किए गए, जहाँ बड़ी मात्रा में अवैध रूप से संग्रहीत धान बरामद हुआ। प्रशासन का मानना है कि यदि अवैध उपार्जन पर लगाम नहीं लगेगी तो मंडियों में अनियमितताएँ बढ़ेंगी और किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाएगा। इसलिए खरीदी केंद्रों की निगरानी बढ़ा दी गई है और टीमों को लगातार दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
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