
चंडीगढ़ । महिला कांग्रेस अध्यक्षा दीपा दुबे (Mahila Congress President Deepa Dubey) ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) चंडीगढ़ शहर से जुड़े मुद्दों पर (On the Issues related to Chandigadh City) कोई जवाब क्यों नहीं देते (Why does not Give Any Answer) ? दीपा दुबे ने विपक्ष और शहारवासी होने के नाते पत्र के माध्यम से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चंडीगढ़ शहर के विभिन्न विषयों पर कई सवाल पूछे हैं। दुबे ने बताया कि गृहमंत्री पिछले साल 4 जून 2022 को और 30 अगस्त 2022 में जब चंडीगढ़ आए थे तब भी विपक्ष के नाते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शहर से जुड़े हुए मुद्दों पर सवाल पूछे थे, लेकिन उनका जवाब न तो केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दिया और न ही उनके सांसद भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा के मेयर या फिर भाजपा के किसी भी नेता ने दिया।
दीपा दुबे ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री को चंडीगढ़ शहर की सच्चाई बताना बहुत अनिवार्य है शायद चंडीगढ़ भाजपा की इकाई और भाजपा शासित प्रशासन व नगर निगम शायद मुख्य बिंदुओं जो कि चंडीगढ़ शहर को ब्यूटीफुल सिटी के टैग को अवांछित कर रही है। बात चाहे शहर से 3800 के करीब महिलाओं के लापता होने का हो जो कि केंद्र सरकार के मंत्री द्वारा संसद में बयान दिया गया है या फिर आजकल चंडीगढ़ शहर में डॉग बाइट के मामले जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं।
दुबे ने कहाकि बात अगर हाउसिंग स्कीम की जाए तो वर्ष 2013 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चंडीगढ़ में आए थे। उन्होंने मकानों की चाबियां अलौटियों को देकर गए थे। लेकिन, चंडीगढ शहर के हाउसिंग बोर्ड ने तो गरीबों को चाबियां क्या देने थी उनसे तो दुगना किराया लेना ही शुरू कर दिया। बात हो मालिकाना हक के तो शहर में सभी कॉलोनीयों में भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा के नेताओं द्वारा लड्डू तो जोर शोर से बांटे गए, लेकिन मालिकाना हक की बात सिर्फ हवा में थी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही निकली।
दीपा दुबे के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दिए गए पत्र में हाउसिंग शेयर के मामले को भी तोल देते हुए प्रश्न खड़े किए हैं कि जब उच्च न्यायालय ने फैसला कर दिया है तो चंडीगढ़ भाजपा शासित प्रशासन को उनके फैसले को मानने में क्या दिक्कत आ रही है। क्यों नहीं शहर की जनता को चैन से जीने दिया जा रहा। पत्र में महिला कांग्रेस ने शहर के नागरिकों पर विभिन्न विभिन्न टैक्स लगाने के मामले पर भी लिखा है कि शहर की नगर निगम शहर वासियों पर अलग-अलग इतने टैक्स लगा दिए हैं जितना व्यक्ति की तनखाह नहीं है उससे ज्यादा उसको टैक्स देना पड़ रहा है यह कहां तक वाजिब है? महिला कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री से कहा कि 2 सालों में आपका यह तीसरा द्वारा है और उद्घाटनों का दौर तो रुकने का नाम नहीं ले रहा इसमें सवाल यह है कि क्या शहर के युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। क्या शहर के नागरिकों को शहर की नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी? क्या शहर की महिलाएं जो लापता हुई है उनका कुछ पता चलेगा?
क्या शहर में जो डॉग बाइट्स के कैसे आ रहे हैं उनसे निजात मिलेगी? क्या शहर का नगर निगम शहर की जनता से टैक्स लेने में कुछ कटौती करेगा? क्या शहर की जनता को मालिकाना हक मिलेगा? क्या चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा जिन परिवारों को घर दिए जाने थे उनका घर दिए जाएंगे? क्या चंडीगढ़ नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन को शहर की प्रगति के लिए रिवेन्यू समय पर दिया जाएगा ?
क्या चंडीगढ़ के नागरिकों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी? शहर भर में जितने भी कॉलोनिया है उनमें क्या उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर उपयुक्त मात्रा में प्रदान किए जाएंगे? महिला कांग्रेस ने अंत में कहा कि अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र में विपक्ष के साथ-साथ शहर की जनता के सवाल पूछे हैं अगर भाजपा और मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री अमित शाह सवालों से सहमत है तो जरूर विपक्ष के सवालों का जवाब दे।
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