इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार (Government of pakistan) ने शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि शहबाज सरकार (Shahbaz Sarkar) गाजा में 20 हजार सैनिकों को भेजने की तैयारी कर रही है। साथ ही, पाकिस्तान अपने पासपोर्ट से वह क्लॉज भी हटा रहा है, जिसके जरिए इजरायल की यात्रा पर रोक लगी थी, इस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया। पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दावा किया कि एक टीवी चैनल ने बताया था कि पाकिस्तानी पश्चिमी देशों और इजरायल की निगरानी के लिए काफी सैनिकों को गाजा भेजने की योजना बना रहा है। मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, चैनल ने मजाकिया तौर पर यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान ने पासपोर्ट से इजरायल के लिए वैलिड नहीं क्लॉज भी हटा दिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में, इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री ने मिनिस्ट्री ऑफ फॉरेन अफेयर्स (Mofa) की एक प्रेस रिलीज का ज़िक्र किया, जिसमें दोहराया गया कि इजरायल पर पाकिस्तान का रुख बदला नहीं है, यानी, इस्लामाबाद इजरयाल को मान्यता नहीं देता है, और कोई मिलिट्री कोऑपरेशन या एंगेजमेंट मौजूद नहीं है या इस पर चर्चा नहीं हो रही है। इसके अलावा, मिनिस्ट्री ने साफ किया कि पासपोर्ट क्लॉज बरकरार है। बयान में कहा गया, ‘डायरेक्टरेट जनरल ऑफ इमिग्रेशन एंड पासपोर्ट्स कन्फर्म करता है कि यह अब भी इजरायल को छोड़कर सभी देशों के लिए वैलिड’ है।’
बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में पाकिस्तानी रखा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि गाजा शांति सेना के लिए पाकिस्तानी सैनिक भेजने का फैसला अभी फाइनल किया जा रहा है और यह प्रोसेस में है। जियो न्यूज के शो में एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसा कोई कदम उठाया जा रहा है या नहीं, तो आसिफ ने कहा, ‘इस चीज को फाइनल किया जाना है और यह प्रोसेस में है। सरकार प्रोसेस से गुजरने का फैसला करेगी, और मैं इसे पहले से रोकना नहीं चाहता।’
अमेरिका की मध्यस्थता से हुए गाजा शांति समझौते की एक अहम बात इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स (ISF) बनाना है, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम-बहुल देशों के सैनिक होंगे। बातचीत से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले के बारे में पाकिस्तान सरकार की तरफ से जल्द ही कोई घोषणा होने की उम्मीद है। बातचीत से वाकिफ अधिकारियों ने, जिन्होंने मामले की सेंसिटिविटी की वजह से नाम न बताने की रिक्वेस्ट की, कहा कि पाकिस्तान सरकार और मिलिट्री के अंदर बातचीत एडवांस स्टेज पर है। उनके मुताबिक, अंदरूनी बातचीत के तरीके से लगता है कि इस्लामाबाद इस मिशन में हिस्सा लेने के लिए तैयार है।
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