
ओंकारेश्वर। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में शनिवार दोपहर नर्मदा नदी के नवीन घाट पर स्नान के दौरान महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं के साथ दर्दनाक हादसा हुआ। नासिक जिले के नंदुरबार निवासी पूनम चौहान (32 वर्ष) नदी में डूब गईं, जबकि उनके साथ मौजूद युवक को स्थानीय नाविकों और श्रद्धालुओं ने बड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया।
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के नासिक-नंदुरबार से एक दंपति और दो युवक-युवतियां भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पहले स्नान के लिए नवीन घाट पहुंचे थे। इस दौरान दो लोग स्नान कर किनारे लौट आए, लेकिन पूनम और एक युवक नदी के बीच भाग में चले गए और अचानक डूबने लगे। युवक को नाविकों ने तुरंत छलांग लगाकर बाहर निकाल लिया, जबकि पूनम नदी की गहराई में समा गईं।
घटना के समय मौजूद नाविक जयराम भंवरिया, दुर्गेश केवट, दुर्गेश सूर्यवंशी, सोनू वर्मा और राज चौहान ने तत्परता दिखाते हुए युवक को बाहर निकाला और तुरंत ऑटो से सरकारी अस्पताल पहुँचाया। डॉक्टर रवि वर्मा ने बताया कि युवक के पेट में पानी भर गया था, लेकिन उपचार के बाद उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। वहीं, पूनम चौहान को जब अस्पताल लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। ओंकारेश्वर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना की जांच शुरू कर दी।
घटना के बाद मौके पर पुलिस बल, होमगार्ड और स्थानीय गोताखोर पहुंचे। कुछ ही देर में युवती का शव नदी से बाहर निकाल लिया गया। पुलिस के अनुसार मृतका और उसका साथी नंदुरबार, महाराष्ट्र के निवासी हैं। प्रारंभिक जांच में यह हादसा गहरे पानी में असावधानी के कारण बताया जा रहा है।
घटना के बाद श्रद्धालुओं और व्यापारियों ने प्रशासन से नवीन घाट पर स्थायी सुरक्षा प्रहरियों और गोताखोर दल की तैनाती की मांग की। उनका कहना है कि घाट की गहराई अधिक है और चेतावनी बोर्ड लगे होने के बावजूद श्रद्धालु लापरवाही करते हैं। स्थानीय नाविक संघ के सदस्यों ने बताया कि ओंकारेश्वर में डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 30 अगस्त को नाविक कुलदीप ने श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया था, वहीं उनके पिता दीपू केवट ने शुक्रवार को एक अन्य घटना में लोगों की जान बचाई। नाविक संघ और होमगार्ड जवान लगातार सतर्कता से कार्य कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
परिवार के परिचित भागवत दिवाकर ने बताया, “हम सब दर्शन से पहले स्नान करने आए थे। कुछ ही पल में पूनम और युवक गहराई में चले गए। नाविकों ने तुरंत मदद की, नहीं तो दोनों की जान जा सकती थी।” ओंकारेश्वर के नवीन घाट और अन्य घाटों पर बार-बार हो रही डूबने की घटनाएँ प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें।
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