
इंदौर के 500 और प्रदेश के 5 हजार से ज्यादा फूड सैंपल्स की रिपोर्ट अटकी
एनएबीएल का सर्टिफिकेट ना मिल पाने के कारण लैब जारी नहीं कर पा रही रिपोट्र्स
रिपोट्र्स ना आने से मिलावटखोरों की चांदी, जमकर चल रहा मिलावट का कारोबार
विकाससिंह राठौर। इंदौर
एमपी (MP) अजब है-सबसे गजब है, यह टैगलाइन पर्यटन विभाग (Tourism Department) की जरूर है, लेकिन फिट खाद्य विभाग (Food Department) पर बैठती है। मध्य प्रदेश की एकमात्र सरकारी राज्य खाद्य प्रयोगशाला (स्टेट फूड लैब) में पिछले चार माह से काम बंद पड़ा है, जिसके कारण लैब द्वारा मई से ही पूरे प्रदेश से भेजे गए खाद्य सैंपलों की रिपोट्र्स जारी नहीं की गई है। इसके कारण इंदौर से भेजे गए 500 से ज्यादा और प्रदेश के 5 हजार से ज्यादा सैंपलों की रिपोर्ट अटकी हुई है।
भोपाल में स्थित ये लैब सरकारी होने के बावजूद सरकार के ही नियमों में फंसी हुई है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत पूरे देश में सभी सरकारी व निजी प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) से सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। इस सर्टिफिकेशन के बिना कोई भी लैब सैंपलों की जांच और रिपोर्ट जारी नहीं कर सकती है। स्टेट फूड लैब ने 2023 में यह सर्टिफिकेट लिया था। 2 साल की मान्यता वाला यह सर्टिफिकेशन मई में खत्म हो चुका है, इसके कारण मई से ही लैब में काम ठप पड़ा है।
इंदौर कार्यालय ने मांगी रिपोट्र्स
4 माह में भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट अब तक न मिलने के करण हाल ही में इंदौर के खाद एवं औषधि प्रशासन कार्यालय ने लैब को पत्र लिखते हुए रिपोटर््स जारी करने की मांग की है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि रिपोट्र्स ना मिलने से कार्रवाई प्रभावित हो रही है। लैब की ओर से जल्द ही सभी पेंडिंग रिपोट्र्स जारी करने का आश्वासन दिया गया है।
ऑडिट हुआ पर नहीं मिला सर्टिफिकेशन
स्टेट फूड लब के अधिकारियों के मुताबिक लैब के सर्टिफिकेट की वैधता समाप्त होने से पहले ही नए सर्टिफिकेशन के लिए एनएबीएल को आवेदन कर दिया गया था। एनएबीएल द्वारा सर्टिफिकेशन के लिए ऑडिट भी किया जा चुका है, लेकिन अब तक सर्टिफिकेशन नहीं हुआ है। इस पूरे मामले में अधिकारी कुछ छुपाते नजर आ रहे हैं क्योंकि अगर समय पर आवेदन किया जाता तो समय पर सर्टिफिकेट भी मिल जाता। कहा जा रहा है कि या तो आवेदन देरी से हुआ या जांच में कुछ कमियां पाई गई, जिनके सुधार के बाद दोबारा ऑडिट हुआ और देरी हुई।
जांच जारी, रिपोर्ट्स अटकी
स्टेट फूड लैब के अधिकारियों ने बताया कि लैब ने मई माह के अंत से एनएबीएल सर्टिफिकेशन ना होने के कारण रिपोट्र्स जारी करना बंद कर दिया है। सिर्फ जिन सैंपलों की रिपोर्ट जिलों द्वारा प्राथमिकता पर मांगी जा रही हैं वे रिपोट्र्स जारी की जा रही है। हालांकि पूरे प्रदेश से मिलने वाले सैंपलों की जांच का काम जारी है। सर्टिफिकेशन होते ही रिपोट्र्स भी जारी करना शुरू कर दिया जाएगा।
मिलावटखोरों को त्योहारों के सीजन में मिला छूट का सर्टिफिकेट
मई माह से ही फूड सैंपलों की रिपोट्र्स जारी न होने के कारण पूरे प्रदेश में मिलावटखोरों को त्योहारों के सीजन में छूट का सर्टिफिकेट मिल गया है। रिपोट्र्स ना आने के कारण कार्रवाई पूरी तरह से बंद है। इसके चलते जो मिलावटखोर गड़बड़ी कर रहे हैं, उन पर भी कोई लगाम नहीं है। समय पर रिपोर्ट आने पर मिलावटखोरों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, लेकिन रिपोट्र्स के अभाव में अधिकारी चाह कर भी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे त्योहारों के बीच इंदौर सहित पूरे प्रदेश में मिलावटखोर बेखौफ गड़बड़ी कर रहे हैं।
ऑडिट में होती है बारीकी से जांच
अधिकारियों ने बताया कि एनएबीएल सर्टिफिकेशन के दौरान टीम हर एक चीज की बहुत ही बारीकी से जांच करती है। ऑडिट में यह तक देखा जाता है कि लैब में कितना केमिकल आया और उसे कितने सैंपलों की जांच की गई। एक सैंपल की जांच में औसत कितना केमिकल लगता है, क्या उतना केमिकल इस्तेमाल हुआ। मशीनों और उपकरणों का कैलिब्रेशन भी चेक किया जाता है, साथ ही मशीनों के चलने का बिजली का बिल तक ऑडिट में देखा जाता है, तभी यह प्रमाणित किया जाता है कि लैब द्वारा सभी रिपोट्र्स पूरे तरीके से सही जांच के बाद जारी की गई है और इसी आधार पर लैब को आगे भी काम करने के लिए सर्टिफिकेट दिया जाता है। कोई भी कमी पाई जाने पर लैब का सर्टिफिकेट निलंबित या निरस्त कर दिया जाता है।
8 से 10 दिनों में मिल सकता है सर्टिफिकेट
स्टेट फूड लैब का एनएबीएल सर्टिफिकेशन खत्म होने के कारण मई अंत से पूरे प्रदेश से आने वाले फूड सैंपलों की जांच रिपोर्ट जारी नहीं हो पाई है। लैब में सैंपलों की जांच का काम लगातार जारी है और प्राथमिकता पर कुछ रिपोट्र्स जारी भी की जा रही है। एनएबीएल का ऑडिट पूरा हो चुका है और उनका कहना है कि अगले 8 से 10 दिनों में सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसके बाद सभी पेंडिंग सैंपलों की रिपोर्ट जारी की जाएगी।
– संदीप विक्टर,
चीफ एनालिस्ट, स्टेट फूड लैब, भोपाल
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