
नई दिल्ली। दुनिया में बीमार कोई भी नहीं होना चाहता. फिर भी अक्सर बीमारियां लोगों को घेर लेती हैं. जिसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य में गिरावट के साथ ही घर की जमापूंजी से भी हाथ धोना पड़ता है.
अब तक माना जाता रहा है कि कैंसर-हार्ट जैसी बीमारियां (cancer-heart diseases) सबसे महंगी(Most Expensive) होती हैं. जिनके इलाज में लोगों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे महंगी दवा कौन सी है, जिसका खर्च लाखों नहीं करोड़ों रुपये है.
खबरों के मुताबिक दुनिया की एक दुर्लभ बीमारी है स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy). इसे शॉर्ट फॉर्म में SMA भी कहा जाता है. इस बीमारी से इंसान के शरीर में एसएमएन-1 जीन (smn-1 gene) की कमी से होती है. SMA से मरीजों के सीने की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.
इस बीमारी के इलाज में जोलजेन्स्मा (Zolgensma) नाम की दवा का इस्तेमाल किया जाता है. इस दवा को दुनिया की प्रसिद्ध दवा कंपनी नोवार्टिस (Novartis) ने विकसित किया है. इस दवा के बाजार में आने से पहले अमेरिका और यूरोप के देशों ने कड़ी जांच की. यह दुनिया की पहली जीन थेरेपी वाली दवा है, जिसे दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए तैयार किया गया है.
जोलजेन्स्मा (Zolgensma) की एक खुराक की कीमत 18 करोड़ रुपये से अधिक है. हालांकि, कई जगहों पर इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये भी बताई जाती है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने अपने एक बयान में कहा था कि नोवार्टिस जीन थैरेपी द्वारा निर्मित जोलजेन्स्मा दुनिया की सबसे महंगी दवा हो सकती है. SMA के इलाज में जोलजेन्स्मा दवा काफी कारगर है. यह जीन की कमी को पूरा करती है.
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