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2 हजार संस्थाएं प्रशासकों के हवाले

July 08, 2022

  • सहकारिता विभाग के पास चुनाव के लिए कर्मचारियों का टोटा, हर एक प्रशासक के पास 30 से 40 संस्थाएं
  • चुनाव की अनुमतियां भी भोपाल में लम्बित पड़ी, 500 कागजी संस्थाओं को समाप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू

इंदौर। सहकारिता विभाग के पास पहले से ही अधिकारियों-कर्मचारियों का टोटा है। वहीं दूसरी तरफ शिकायतों के चलते साख संस्थाओं से लेकर गृह निर्माण संस्थाओं के निर्वाचित संचालक मंडलों को भंग कर उन पर प्रशासक की नियुक्ति की गई है। ऐसी लगभग इंदौर जिले की दो हजार संस्थाएं प्रशासकों के हवाले है। यानी एक-एक प्रशासक के पास 30 से 40 संस्थाओं का जिम्मा है। वहीं ऑडिट से लेकर विभागीय कामकाज का बोझ अलग। कई संस्थाओं के चुनाव कराए जाना है, मगर भोपाल से अनुमतियां ही नहीं मिली। अभी तो चुनावी आचार संहिता भी चल रही है, मगर 17 जुलाई के बाद कुछ संस्थाओं के चुनाव करवाए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ चर्चित कविता गृह निर्माण संस्था में पात्र सदस्यों की सूची फिर से बनाने के निर्देश अवश्य भोपाल मुख्यालय ने दे दिए हैं, जिसके चलते इंदौर दफ्तर ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इंदौर जिले में गृह निर्माण संस्थाओं के अलावा साख संस्थाएं, कृषि संस्थाएं, आवास संघ सहित सभी तरह की हजारों संस्थाएं पंजीबद्ध है। इनमें से कई संस्थाएं तो वर्षों पुरानी हैं, जिनमें कोई कामकाज भी नहीं होता। लिहाजा ऐसी साख और अन्य संस्थाओं को परिसमापन में लेने का निर्णय लिया गया है और अभी ऐसी 500 संस्थाओं के परिसमापन की प्रक्रिया भी सहकारिता विभाग ने शुरू कर दी है। उपायुक्त मदन गजभिये के मुताबिक ये ऐसी संस्थाएं हैं जिनके पते भी बदल गए या मौके पर किसी तरह की कोई गतिविधि नहीं चल रही है और जबरन विभाग में पंजीयन के चलते ये संस्थाएं सूची में शामिल हैं।


अब ऐसी निष्क्रिय या अनुपयोगी संस्थाओं को समाप्त किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सहकारिता विभाग का कहना है कि उसके पास स्टाफ का अत्यंत टोटा है और गृह निर्माण संस्थाओं में लगातार प्रशासकों की नियुक्तियां होती रही। लगभग 2 हजार संस्था तो प्रशासकों के हवाले ही है। दूसरी तरफ चर्चित गृह निर्माण संस्था कविता के 33 पात्र सदस्यों को इंदौर विकास प्राधिकरण से भूखंड मिलना है। योजना 114 पार्ट-2, निरंजनपुर में 173 भूखंडों का आबंटन प्राधिकरण पूर्व में कर चुका है, मगर बाद में संघवी परिवार की गिरफ्त में यह संस्था आ गई और इसमें फर्जीवाड़ा किया गया। अब भोपाल मुख्यालय ने कविता की सूची को फिर सत्यापित करने की अनुमति दे दी है।

लिहाजा लगभग पौने 300 दावेदारों में से 33 पात्र सदस्यों की सूची बनाई जाएगी। कुछ समय पूर्व पीडि़तों की शिकायतों पर कलेक्टर मनीष सिंह ने भी पात्र सदस्यों की सूची तैयार कर भूखंड उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे, जिसके चलते संयुक्त आयुक्त ने 22.09.2021 को आयुक्त सहकारिता व पंजीयक भोपाल को इस संबंध में पत्र लिखा था, जिसके बाद अब जाकर अनुमति मिली है। लिहाजा अब 262 सदस्यों में से 33 पात्र सदस्यों की सूची तैयार कर उन्हें भूखंड आबंटन की प्रक्रिया की जाएगी। हालांकि कई फर्जी सदस्य विभिन्न अदालतों और उपभोक्ता फोरम से भी आदेश ले आए थे।

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