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अमरनाथ यात्रा के लिए 200 उच्च शक्ति वाले बुलेटप्रूफ वाहन, 200 से अधिक ड्रोन की तैनाती

अमरनाथ। खतरे के बीच 2 साल के अंतराल के बाद अमरनाथ यात्रा (Pilgrimage to Amarnaath) शुरू होने के बाद, ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के बीच उत्साहित तीर्थयात्रियों (pilgrims) ने बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हिमालय की चोटियों के बीच स्थित अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) की कठिन यात्रा शुरू की। इस बार की यात्रा को लेकर तमाम पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित (ensure safe pilgrimage) करने के वास्ते विस्फोटकों का पता लगाने व अन्य कार्यों के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ 200 उच्च शक्ति वाले बुलेटप्रूफ वाहनों को संवेदनशील स्थानों पर रखा गया है।

एक अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर एएनआई को बताया कि ये वाहन एक उच्च शक्ति वाली ऑटोमैटिक मैपिंग सुविधा से लैस हैं, और विमानों, जंगलों, पानी के साथ-साथ ऊंचाई वाले स्थानों पर आसानी से चलने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा, अधिकारी ने कहा कि इन वाहनों की प्रमुख विशेषज्ञता इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का पता लगाना है। श्रीनगर और जम्मू को अमरनाथ से जोड़ने वाले मार्गों पर आईईडी का पता लगाने के लिए 200 वाहनों में से कई में “डीप पेनेट्रेटिंग रडार (डीपीआर) है।

अधिकारी ने दावा किया, “अगर हमला किया जाता है, तो इन वाहनों को लगभग 25 किलोग्राम वजन वाले आईईडी के विस्फोट से नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है।” हाल के दिनों में हथगोले, स्टिकी बम और आईईडी के इस्तेमाल जैसे ताजा खतरे उत्पन्न हुए हैं। अधिकारी ने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बल हाई-टेक गैजेट्स के साथ इन वाहनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।


अधिकारी ने कहा कि उच्च सुरक्षा व्यवस्था के तहत गुरुवार को शुरू हुई 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा को देखते हुए पिछले कुछ महीनों में इन वाहनों को जम्मू-कश्मीर में लगाया गया क्योंकि खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि 11 अगस्त को समाप्त होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए एक बड़ा खतरा है।

जम्मू-कश्मीर में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिसमें अमरनाथ धाम की ओर जाने वाले वाहनों के मार्गों पर 130 से अधिक खोजी कुत्तों के इस्तेमाल पर विशेष जोर दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले हफ्ते केंद्र सरकार को यह भी बताया था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के पाकिस्तान स्थित कमांडर अल्पसंख्यकों, सुरक्षा कर्मियों और पवित्र श्री अमरनाथजी यात्रा, श्री वैष्णो देवी यात्रा और इसी तरह के अन्य धार्मिक तीर्थस्थलों को निशाना बनाकर आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रयास कर रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि खतरों को ध्यान में रखते हुए पहलगाम और बालटाल के जुड़वां मार्गों पर 200 से अधिक ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), पीपल एंटी-फासिस्ट फोर्सेज (PAFF)” जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की शाखाओं के कैडरों से बड़े खतरे का संदेह है।

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