
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को फटाफट कार्ड बनवाने के दिए निर्देश… सिटी स्कैन भी होगा मुफ्त
इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने सभी कलेक्टरों (Collectors,) को निर्देश दिए कि आयुष्मान योजना (Ayushman Scheme) का लाभ हर वर्ग को दिया जाए और जितने भी लोगों के कार्ड बनना बाकी हैं वे फटाफट बनवाएं और निजी अस्पतालों (private hospitals) में भी नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिले और यहां तक कि जो सिटी स्कैन लोगों को करवाना पड़ रहे हैं वे भी नि:शुल्क करवाए जाएं। 68 निजी अस्पतालों से नि:शुल्क इलाज के अनुबंध भी शासन ने किए हैं। वहीं सभी जिलों में बेड की संख्या भी बढ़वाई जा रही है। आयुष्मान के तहत ही निजी अस्पतालों को विशेष पैकेज दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कल वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक ली और उसमें सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे बिना देरी किए आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनवाएं, ताकि 80 फीसदी से अधिक प्रदेश की आबादी इस योजना के तहत कवर हो सके और शासन द्वारा अनुबंधित अस्पतालों में इस योजना के तहत कोरोना का नि:शुल्क इलाज लोगों को मिलेगा। अभी दरअसल पूरे परिवार के परिवार संक्रमित हो रहे हैं, जिसमें निम्न और मध्यमवर्गी परिवारों की आर्थिक स्थिति और भी जर्जर हो गई। महंगे इलाज ने कमर तोड़ दी। लिहाजा मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सिटी स्कैन सहित सभी जांचें नि:शुल्क होगी और यहां तक कि दवाएं, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन भी नि:शुल्क मिलेंगे। अभी बड़ी संख्या में कोरोना मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं, उससे बेड की उपलब्धता बढ़ी है। वहीं आईसीयू बेड बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं। आयुष्मान योजना के तहत सभी का इलाज कराया जाएगा और सरकार नई योजना भी लागू कर रही है और इसके लिए अपने खजाने से ही पैसा देगी। कुछ बड़े अस्पतालों को छोडक़र निजी अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए अनुबंधित किया जाएगा। अभी तक आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में 2 करोड़ 42 लाख कार्ड बन चुके हैं, जिससे 80 फीसदी से अधिक आबादी कवर हो रही है। वहीं 60 हजार से अधिक निजी और सरकारी क्षेत्र में इलाज के लिए बिस्तर होंगे। सभी कलेक्टरों को अधिकार दे दिए हैं कि वे जिलों के निजी अस्पतालों को इस योजना में जोड़े और अस्पतालों का जो पैकेज है उसे 40 प्रतिशत तक बढ़ाया है, क्योंकि कोई भी निजी अस्पताल घाटे में इलाज नहीं करेगा। रूम रेंट, भोजन, परामर्श शुल्क से लेकर सभी तरह की जांचें और पूरा इलाज आम परिवारों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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