होशंगाबाद। होशंगाबाद में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने सेना बुलाई है। संभागयुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई हैं। नर्मदा का रौद्र रूप देखकर याद आई 1973 की भीषण बाढ़, आज ही दिन पानी-पानी हुआ था पूरा शहर। शनिवार सुबह 9 बजे तक नर्मदा का जलस्तर 973 फीट तक पहुंच गया है। जो खतरे के निशान से 6 फीट ऊपर चल रहा है।
होशंगाबाद में 29 अगस्त 1973 का दिन। जब लोगों की सुबह आंख खुली थी नर्मदा उफन रही थी। कई मोहल्लों में पानी भर चुका था। 29 अगस्त 2020 को भी नर्मदा एक बार फिर से उफान पर है। जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर चल रहा है। कई मोहल्लों में पानी भरने के कारण उन्हे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। सुबह 9 बजे तक नर्मदा का जलस्तर 973 फीट तक पहुंच गया है। जो खतरे के निशान से 6 फीट ऊपर चल रहा है।
यह हुआ था 29 अगस्त 1973 को
होम साइंस कॉलेज के पास बनी पिचिन के टूटने से शहर के कई हिस्सों में पानी पहुंच गया था। देखते ही देखते पूरे शहर में पानी भर गया था। कई मकान भी धराशायी हो गए थे। तूफानी बरसात में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया था। बच्चे, महिलाएं सभी अपनी जीवन रक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे थे।
इस बार फिर से जिले में रिटर्न 1973 जैसे हालात
29 अगस्त 1973 में भी बारिश के साथ तीनों बांधों के गेट खोल दिए जाने से बाढ़ आई थी, ऐसे ही हालात 47 साल बाद फिर आज के दिन 29 अगस्त 2020 में भी बन रहे हैं। जिसमें सराफा चौक के पास तक नर्मदा का पानी पहुंच गया था। तटीय बस्तियां भी जलमग्न हो गईं थी। बीटीआई, एसपीएम पुलिया, महिमा नगर, ग्वालटोली रोड, धानाबड़, बांद्राभान में बैक वाटर भरा रहा है।
होशंगाबाद में बांधों का जलस्तर अपडेट
समय 10 बजे सुबह
नर्मदा नदी – 974.40 फीट
तवा जलाशय – 1166.10 फीट
बरगी जलाशय – 422.40 मीटर
बारना जलाशय -348.22 मीटर
एजेंसी/हिस
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