
नई दिल्ली। नेतृत्व में बदलाव को लेकर कांग्रेस में मचा घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद द्वारा खुलकर बगावती तेवर दिखाए जाने के बाद अब कपिल सिब्बल ने अपने दु:ख का इजहार किया है।
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जब हम पर हमले हो रहे थे, तब एक भी सदस्य हमारे बचाव में नहीं बोला। बैठक के दौरान हमें देशद्रोही तक कहा गया। उन्होंने कहा कि हम भाजपा पर संविधान का पालन नहीं करने और लोकतंत्र की नींव नष्ट करने का आरोप लगाते हैं और जब हम अपनी ही पार्टी में संविधान की बात उठाते हैं तो उस पर क्यों आपत्ति होती है?
सिब्बल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी को इस बात से अवगत कराया जाना चाहिए था कि पत्र में क्या कहा गया। उन्होंने कहा कि यह बुनियादी बात है जो होनी चाहिए थी। यही इन 23 लोगों ने लिखा है। यदि आपने जो कुछ भी लिखा है, उसमें आप गलती करते हैं तो निश्चित रूप से हमसे पूछताछ की जा सकती है और हमसे पूछताछ की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में पत्र पर चर्चा नहीं की गई थी। बैठक के दौरान हमें देशद्रोही कहा गया था और नेतृत्व सहित उस बैठक में शामिल किसी सदस्य ने भी उन्हें नहीं बताया कि यह कांग्रेस की भाषा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा पत्र… इसका प्रत्येक भाग बहुत सभ्य भाषा में लिखा गया था।
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