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    31के बाद बेरोजगार हो जाएंगे 800 आयुष चिकित्सक

  • December 20, 2020

    • आपदा के समय सरकार का साथ देने वालों पर आई विपदा

    भोपाल। वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिये प्रदेश में कोविड कई स्थिति को संभालने के लिए सभी जिलो में जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से कोविड-19 नियंत्रण के लिए अस्थाई आयुष चिकित्सको की भर्ती जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी के द्वारा मेरिट के आधार पर की गई थी। जिसके अनुसार सम्पूर्ण प्रदेश में लगभग 850 अस्थाई आयुष चिकित्सको की भर्ती मार्च एवं अप्रैल में स्वास्थ्य विभाग में वर्षो से रिक्त पड़े पदों के विरुद्ध की गई थी। पूरे प्रदेश में कोरोना की भयावर स्थिति को संभालने के लिए नियुक्त अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सको के लगभग 9 माह की निरंतर सेवा देने के बाद अब सरकार सभी कोरोना योद्वाओं को पुरूस्कार स्वरूप बेरोजगारी सरकार मिलने वाली है और 31 दिसंबर को प्रदेश के लगभग 850 अस्थाई आयुष चिकित्सक बेरोजगार हो जाएंगे।

    चिकित्सकों के हजारों पद रिक्त
    ज्ञात जो की वर्षो से प्रदेश के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन है और सम्पूर्ण प्रदेश में हजारों चिकित्सकों के पद रिक्त है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन्हीं रिक्त चिकित्सकों के स्थान पर सम्पूर्ण प्रदेश में अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सकों की भर्ती करके प्रदेश में लगभग लाखों मरीजों का कोविड सेम्पलिंग करके लाखों मरीजों का उपचार करके मरीजों को ठीक भी इन्हीं चिकित्सकों के माध्यम से किया गया है। सभी आयुष चिकित्सकों के द्वारा लगातार सेम्पलिंग, फीवर क्लीनिक, कोविड केयर सेंटर ड्यूटी की जा रही है। कोविड में काम कर रहे आयुष चिकित्सको की माने तो सरकार के द्वारा अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करने वाले कोविड-19 आयुष चिकित्सको की किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नही दिया गया है और न ही किसी भी कोविड-19 अस्थाई आयुष चिकित्सक को सरकार के द्वारा कोरोना योद्धा माना गया है। जबकि प्रदेश में ड्यूटी के दौरान सैकड़ो आयुष चिकित्सको ने कोरोना पॉजिटिव होकर कोरोना का दंश भी झेला है।

    सरकार के प्रति रोष
    प्रदेश के अस्थाई कोविड-19 आयुष चिकित्सकों के द्वारा सभी आयुष चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग में रिक्त चिकित्सकों के पदों में संविदा संविलियन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ मंत्री, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, आयुक्त स्वास्थ्य विभाग, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्रो के माध्यम लगातार मांग कर रही है जिस पर सरकार एवं विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही अभी तक नही की गई है जिसमे सम्पूर्ण प्रदेश के कोविड-19 आयुष चिकित्सकों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है।

    निकालने की तैयारी
    स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और शासन स्तर के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अब प्रदेश में कोविड-19 आयुष चिकिस्तकों को सरकार के द्वारा 31 दिसंबर के बाद निकालने की पूरी तैयारी कर ली है। जिसके कारण अब प्रदेश भर में चिकित्सको को भारी कमी के कारण कोरोना मरीजो को शासकीय चिकित्सालयों उपचार के कारण परेशानी का सामना करना पड़ेगा और मजबूर को निजी चिकित्सालयो में लाखों रुपये खर्च करना पड़ेगा।

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