img-fluid

थायराइड को करना है कंट्रोल, तो यह 3 योगासन होंगे फायदेमंद

January 22, 2021

आज के समय में थायरॉयड बीमारी किसी भी आयुवर्ग के लोगों में बेहद आम बन चुकी है। बता दें कि गले में तितली के आकार की थायरॉयड ग्रंथि होती है जो कई हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती हैं। इन्हीं में से एक है थायरॉक्सिन(T4) हार्मोन जिसके शरीर में कम बनने से हाइपो थायरॉयडिज्म और ज्यादा बनने से हाइपर थायरॉयडिज्म की शिकायत लोगों को होती है।

क्यों खतरनाक है थायरॉयड:
थायरॉयड ग्लैंड T3 और T4 नामक हार्मोन्स का स्राव करती है जो हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित रखते हैं साथ ही मस्तिष्क, हृदय और बाकी अंगो को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। ऐसे में इनकी गड़बड़ी से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता है। हाइपर थायरॉयडिज्म के मरीजों को अचानक से ही घबराहट व तनाव होने लगता है। वहीं, हाइपो थायरॉयडिज्म के कारण लोगों को कमजोर याद्दाश्त, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और रुझान में कमी देखने को मिलती है।

जब बात सेहत और फिटनेस की होती है तो योग से ऊपर किसी को नहीं माना जाता है। योग करने से शारीरिक सक्रियता बढ़ती है और इससे थायरॉयड की बीमारी से पीड़ित होने का खतरा कम होता है। आइए जानते हैं कि कौन-से योगाभ्यासों से थायरॉयड के मरीजों को आराम मिल सकता है।

भुजंग आसन:
इस योगासन को करने से गले व गर्दन के हिस्से की स्ट्रेचिंग हो जाती है। इससे थायरॉयड ग्रंथि के फंक्शन्स को बढ़ाने में मददगार है। खासकर हाइपो थायरॉयडिज्म के मरीजों के लिए ये योगाभ्यास लाभप्रद साबित हो सकता है।


कैसे करें:
अपने पेट के बल लेट जाएं। अपने कंधों के नीचे अपनी हथेलियों को रखें। सांस अंदर खीचें और अपनी हथेली की मदद से शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं। अपने घुटनों को झुकाएं और पैरों को आसमान की तरफ ऊपर करें। पैरों की उंगलियों को पूरी तरह से स्ट्रेच करें। इसके बाद आप आराम से सांस बाहर छोड़ें और अपनी ओरिजनल पोजिशन में आ जाएं।

नाड़ीशोधन प्राणायाम:
इस योगासन को करने से थायरॉयड से निजात तो मिलती ही है, साथ ही शरीर में रक्त संचार की प्रक्रिया आसानी से होती है।

करने का तरीका:
दाहिने हाथ की उंगलियों को मुंह के सामने रखें। तर्जनी और बीच की उंगली को माथे के बीचों – बीच हल्के से रखें। अंगूठा दाहिने नाक की छेद के उपर और अनामिका बाएं नासिका छिद्र के उपर रखें। पहले एक नासिका छिद्र को दबाकर दूसरे से सांस लें और फिर दूसरे नाक की ओर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। इस योग को 30 मिनट तक करें।

नोट – उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफेशनल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें ।

Share:

  • एट्रोसिटी एक्ट को पाठ्यक्रम से हटाने पर दिग्विजय ने जताई आपत्ति

    Fri Jan 22 , 2021
    भोपाल। मप्र पीएससी द्वारा राज्य सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम से अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) (एट्रोसिटी) और सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम को हटाने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आपत्ति उठाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि इन दोनों अधिनियमों को पाठ्यक्रम में शामिल किया […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved