
नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Delhi’s Patiala House Court) ने जंतर मंतर पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ नारा लगाने के आरोपित हिन्दू रक्षा दल के नेता भूपेंद्र तोमर ऊर्फ पिंकी चौधरी (Hindu Raksha Dal leader Bhupendra Tomar alias Pinky Chaudhary) को 17 सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रयांक नायक ने पिंकी चौधरी को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
दिल्ली पुलिस ने आज पिंकी चौधरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की। एक सितंबर को कोर्ट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। पिंकी चौधरी ने 31 अगस्त को दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर किया था। 27 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने पिंकी चौधरी को कोई भी राहत देने से इनकार किया था। उसके पहले 23 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने पिंकी चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एडिशनल सेशंस जज अनिल अंतिल ने कहा कि हमारा देश तालिबान नहीं है। यहां कानून का शासन है जहां बहुसांस्कृतिक समाज के लोग रहते हैं।
कोर्ट ने कहा था कि जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं कुछ लोग असहिष्णु और स्वकेंद्रित विश्वास पर टिके हुए हैं। आरोपित के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोपित संबंधित अपराध में शामिल था। कोर्ट ने कहा था कि इतिहास ने भी ऐसी घटनाओं को माफ नहीं किया है जिसमें सांप्रदायिक तनाव की वजह से दंगे हुए और कई जाने गईं और संपत्तियों को नुकसान हुआ।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 11 अगस्त को वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी थी। दिल्ली पुलिस ने अगस्त को 9 अगस्त को अश्विनी उपाध्याय और बाकी आरोपितों को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद 10 अगस्त को सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 9 अगस्त को एफआईआर दर्ज की थी। आठ अगस्त को जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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