
जम्मू। राजोरी-पुंछ सीमावर्ती जिलों में बर्फबारी से पहले घुसपैठ की कोशिशें बढ़ सकती हैं। खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा बलों के लिए अलर्ट जारी किया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में इस साजिश के संदेश इंटरसेप्ट किए गए हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार एलओसी के पार की हलचल को लेकर सटीक इनपुट मिले हैं, जिसके बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है।
पाकिस्तान की आईएसआई ने एक तरफ कश्मीर घाटी टारगेट किलिंग की साजिश रची है तो दूसरी ओर राजोरी-पुंछ में एलओसी से आतंकियों को इस तरफ धकेलने की फिराक में है। बर्फबारी होने के बाद घुसपैठ के रूट लगभग बंद हो जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि पीओके में लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-बद्र के बीच कई बैठकें हो रही हैं। वे अधिक से अधिक आतंकियों को राजोरी-पुंछ में बर्फबारी शुरू होने से पहले धकेलने की साजिश रच रहे हैं। एजेंसियों द्वारा इंटरसेप्ट किए गए संदेशों के अनुसार यह भी पता चला है कि पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस इन संगठनों को तमाम तरह का सामान पहुंचा रही है।
संदेशों में पता चला है कि कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के बाद से सुरक्षा बलों की सख्ती के बीच आतंकियों के लिए घुसपैठ करना और एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना मुश्किल हो गया है। ऐसे में बेहद दुर्गम इलाका होने के चलते पुंछ-राजोरी जिलों में एलओसी से घुसपैठ की साजिश रची गई है।
पुंछ-राजोरी जिलों के ठीक एलओसी पार आतंकी शिविरों की संख्या बढ़ गई है। पीओके में आतंकी सरगनाओं और आईएसआई के लोगों के बीच बातचीत को डिकोड करने पर यह जानकारी मिली है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि पहले इस इलाके में कुल 17 आतंकी शिविर थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 25 हो गई है। इनमें लगभग 250 आतंकी मौजूद हैं, जो घुसपैठ की फिराक में है।
वहीं, घुसपैठ के ताजा इनपुट में बताया गया है कि छह या सात आतंकियों की संख्या वाले 4 से 5 ग्रुप राजोरी-पुंछ में एलओसी से घुसपैठ की फिराक में हैं। एलओसी से हालांकि घुसपैठ की आशंका बनी रहती है, लेकिन बर्फबारी का सीजन शुरू होने से पहले सीमापार की हलचल तेज हो जाती है। वहीं आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए सेना मुस्तैद और सतर्क है।
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