
इंदौर। कलेक्टर (Collector) ने धारा 144 के तहत कान्ह नदी में मिलने वाली अशुद्धि की जांच (inaccuracy) के लिए 6 अधिकारियों की टीम बनाई है। 10 दिन में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट (committee its report) देगी। इस कमेटी को यह भी अधिकार (Rights) दिए हैं कि वह नदी को अशुद्ध करने वाली औद्योगिक इकाइयों (industrial units) के खिलाफ कार्रवाई तो करे ही और जरूरत पडऩे पर उनके खिलाफ रिमूव्हल की कार्रवाई भी की जाए। दरअसल कान्ह नदी आगे जाकर उज्जैन की क्षिप्रा (Kshipra of Ujjain going forward Kanh river) में मिलती है जहां पर कई अवसरों पर धर्मालु स्नान भी करते हैं और उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है।
कलेक्टर द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि कान्ह नदी इन्दौर शहर (Kanh River Indore City) से निकलकर ग्रामीण क्षेत्र होते हुए उज्जैन जिले में पवित्र क्षिप्रा नदी में मिलती है। कान्ह नदी में प्रवाहित होने वाले जल की शुद्धता, क्षिप्रा (Purity, Kshipra) नदी में मिलने के कारण महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि उज्जैन जिले में क्षिप्रा तट पर कई स्थानों पर पवित्र स्नान किए जाते हैं।
विगत वर्षों में नगर निगम इन्दौर (Municipal Corporation Indore) द्वारा अमृत परियोजना एवं स्वयं की निधि से सीवरेज ट्रीटमेंट (sewerage treatment) को लेकर अनेकों कार्य किए गए तथा विगत डेढ़ वर्ष में पृथक-पृथक झोनवार हुए कार्यों को आपस में सीवरेज लाईन के माध्यम से जोड़ा गया और प्रत्येक झोनों पर प्राईमरी लाईन की कमियों को नई प्राईमरी लाईन डालकर प्रारंभ किया गया है तथा इसी के साथ-साथ कान्ह एवं सरस्वती नदी (Saraswati river) के किनारे बने लगभग 7 डी सेंट्रलाईज वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रारंभ किए गए।
उक्त सभी प्रयासों से कान्ह नदी का पानी जो कबीटखेडी (kittykhedi) से होते हुए नगर सीमा से बाहर निकलता है, के बी.ओ.डी. एवं सी.ओ.डी की गुणवत्ता में सुधार आया है। उज्जैन जिले में त्रिवेणी के बहने, क्षिप्रा के जिस स्थान पर कान्ह नदी का जल मिलता है उस स्थल पर देखने में आया है कि कान्ह नदी का जल पूर्णरूप से शुद्ध नहीं है। यह आवश्यक प्रतीत होता है कि यह ज्ञात किया जाए कि उज्जैन क्षिप्रा में मिलने के पूर्व ऐसे कौन से स्थान है, जहां से कान्ह नदी में दूषित जल मिल रहा है।
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