इस्लामाबाद। अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Separatist leader Yasin Malik) की सजा माफ़ी के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र तक दस्तक दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट (UN High Commissioner for Human Rights Michelle Bachelet) को पत्र लिखकर यासीन मलिक को रिहा करने और सभी आरोपों से बरी कराने की मांग की है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी करके कहा कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने यासीन मलिक का मामला उठाने के साथ कश्मीर की स्थिति की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है। पाकिस्तान के इन्हीं प्रयासों का नतीजा बैचलेट को बिलावल की ओर से लिखा गया पत्र है। पत्र में भारत सरकार पर कश्मीरियों और उनके नेतृत्व को सताने व दमन करने का आरोप लगाया गया है।
Strongly condemn unjust sentencing of Hurriyat leader Yasin Malik in a sham trial. India can never silence Kashmiris’ voice for freedom and self-determination. Pakistan stands with Kashmiri brothers and sisters, will continue to provide all possible support in their just struggle
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) May 25, 2022
बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त से कहा है कि वे भारत से यासीन मलिक को सभी आरोपों से बरी कर तत्काल रिहा करने को कहें। पत्र में यासीन मलिक को परिवार के साथ फिर से रहने देने, स्वास्थ्य ठीक करने व सामान्य जीवन जीने देने जैसी मांगें की गयी हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस्लामिक देशों के संगठन, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा को भी पत्र लिखा है। उनको लिखे पत्र में बिलावल ने कश्मीर में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और चिंतनीय मानवीय स्थिति का आरोप लगाया है। एजेंसी/हिस
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