
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस ने कुछ दिन पहले एमआईजी थाने के दो जवानों को रिश्वत लेते ट्रैप किया था। इस मामले में बाद में एक एसआई को भी आरोपी बनाया था, वहीं टीआई को भी अभी क्लीनचिट नहीं दी गई है। लोकायुक्त पुलिस उनकी भूमिका की जांच कर रही है। लोकायुक्त पुलिस कुछ दिन पहले एक आटो डील की दुकान में काम करने वाले व्यक्ति को पकडक़र थाने ले आई थी और फिर उसकी पत्नी से उसे छोडऩे के एवज में पैसे की मांग की गई थी।
इसकी शिकायत उसकी पत्नी ने लोकायुक्त में की थी। पुलिस ने मामले में 40 हजार की रिश्वत लेते एमआईजी थाने के दो जवान श्याम जाट और नरेंद्र दांगी को ट्रैप किया था। हालांकि कि वे रिश्वत की राशि लेकर चंपत हो गए थे, लेकिन वहां लगे कैमरे में रिश्वत लेते कैद हो गए थे। उसके बाद पुलिस कमिश्नर ने दोनों को सस्पेंड कर दिया था। जांच में एसआई शाक्य की भूमिका भी सामने आई थी।
इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने उसे भी आरोपी बनाया था। उसे भी सस्पेंड कर दिया गया। लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों के अनुसार महिला सबसे पहले टीआई से मिली थी। टीआई ने उसे एसआई के पास और एसआई ने जवानों के पास भेजा था। यह बयान महिला ने लोकायुक्त पुलिस को दिया था। इस आधार पर टीआई की भूमिका भी संदिग्ध है। इसके चलते जांच जारी है। अभी टीआई को क्लीनचिट नहीं दी गई है। वहीं दूसरी ओर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहे हैं।
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