डिंडोरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तारीफ पाने वाली मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले की लहरी बाई (Lahari Bai) अब राजनीति के मैदान में उतर गई है. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले ली है. चर्चा है कि बीजेपी उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट (assembly election ticket) दे सकती है.
बता दें कि डिंडोरी जिले की लहरी बाई विलुप्त हो रहे मोटे अनाज की 25 से अधिक प्रजाति बचाकर एक अनोखा बीज बैंक बनाने के बाद चर्चा में आई थी.एक हफ्ते पहले 27 साल की इस आदिवासी महिला के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि,”लहरी बाई पर गर्व है, जिन्होंने श्री अन्न के प्रति उत्कृष्ट समर्पण दिखाया है. उनके प्रयास कई अन्य लोगों को प्रेरित करेंगे.” इसी तरह कलेक्टर विकास मिश्रा लहरी बाई को स्टार ऑफ द मंथ के साथ गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाकर सम्मानित कर चुके हैं.
अब एक बार फिर लहरी बाई चर्चा में है. इस बार चर्चा की वजह उनका अनोखा बीज बैंक नहीं बल्कि उनकी नई राजनीतिक पारी है. सुदूर आदिवासी बैगा चक इलाके की निवासी लहरी बाई को जिला बीजेपी कार्यालय में सम्मानित करने के साथ पार्टी की सदस्यता भी दिला दी गई है. यह जानकारी बीजेपी जिला सोशल मीडिया संयोजक पवन शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई. लहरी बाई को बीजेपी की सदस्यता दिलाने की जानकारी सामने आने के बाद से ही उनके डिंडौरी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाने की भी चर्चाएं तेज हो गई हैं.
हालांकि, बीजेपी की ओर से अधिकृत तौर पर लहरी बाई को विधानसभा टिकट देने की बात अभी टाल दी गई है, लेकिन राजनीतिक समझ रखने वाले मान रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव खेला है. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे कहते हैं कि बीजेपी जमीन से जुड़ी बड़ी शख्सियतों को लोकसभा और विधानसभा का टिकिट देकर पहले भी चौंकाती रही है.
पार्टी के इस दांव से पुराने पिटे हुए चेहरों से वोटर की नाराजगी भी दूर हो जाती है. दरअसल, डिंडोरी जिले में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सिर्फ दो विधानसभा सीट है. डिंडोरी सीट से ओमकार सिंह मरकाम और शहपुरा सीट से भूपेंद्र मरावी 2018 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे. दोनों ही कांग्रेस पार्टी की टिकिट पर निर्वाचत हुए. अब 2023 में बीजेपी की चुनौती कांग्रेस को हराने की है. इसी वजह से पार्टी नए चेहरों को तलाश रही है.
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