पटना (Patna)। नेपाल और बिहार में बारिश (Rain in Nepal and Bihar) से उत्तर बिहार की नदियां पूरे उफान पर हैं और पांच नदियों का जलस्तर खतरे के निशान (water level danger signs) को पार कर गया है। राज्य में पिछले 24 घंटों में औसत 23.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। 17 जिलों में शनिवार की सुबह से रविवार की सुबह तक झमाझम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को चंपारण और आसपास के क्षेत्रों के अलावा नेपाल की तराई वाले इलाकों से सटे जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। मंगलवार को दरभंगा, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी और किशनगंज में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
उधर, कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सुपौल, मधेपुरा और सहरसा जिले में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। मधेपुरा में आलमनगर तो सहरसा में सलखुआ के निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है। खगड़िया जिले में कोसी और बागमती के जलस्तर में उतार चढ़ाव से कटाव तेज हो गया है। कटिहार जिले में महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग वीरपुर के मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए है। खगड़िया जिले में कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में रविवार को तीसरे दिन वृद्धि दर्ज की गई।
अररिया जिले के सिकटी प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली नूना नदी में पानी बढ़ने से सिंघिया गांव के फरमान अली टोला में नूना नदी का सिंघिया तटबंध ध्वस्त हो गया है। इस बीच, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अधिक बारिश के कारण गंडक और कोशी नदियों में पानी का बहाव सामान्य से काफी अधिक हो गया है। इसके कारण पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सुपौल में तटबंधों पर दबाव बना, पर सभी तटबंध सुरक्षित हैं।
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